Sawan 2021: दो दशक पुराना है जालंधर के सोढल रोड का शिव मंदिर, दिनभर रहती है श्रद्धालुओं की भीड़
शिव मंदिर शिव नगर सोढल रोड का निर्माण हुए भले ही खासा अरसा नहीं हुआ है लेकिन यहां घनी आबादी होने से मंदिर में दिनभर शिव पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की आमद रहती है। सोढल मंदिर के आसपास स्थित मोहल्लों से भी लोग यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। शिव मंदिर शिव नगर सोढल रोड का निर्माण हुए भले ही खासा अरसा नहीं हुआ है, लेकिन यहां घनी आबादी होने से मंदिर में दिनभर शिव पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की आमद रहती है। सोढल मंदिर के आसपास स्थित मोहल्लों से भी लोग यहां पूजा-अर्चना के लिए आते है। एक तरफ दोआबा चौक व दूसरी तरफ सोढल चौक के मध्य में स्थित है यह शिव मंदिर।
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का निर्माण करीब दो दशक पूर्व करवाया गया है। घनी आबादी वाला इलाका होने से यहां शिव मंदिर बनाने की मांग श्रद्धालु कर रहे थे। इसे शिंगारी परिवार द्वारा श्रद्धालुओं के सहयोग से पूरा किया गया है। मंदिर का निर्माण करवाने के बाद जयपुर से विशेष रूप से कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं मंगवाई गई थीं जिन्हें यहां विधिवत प्रतिष्ठापित किया गया।
तैयारियां
शिव मंदिर में सावन के महीने में विशेष तैयारियां की जाती हैं। श्रद्धालुओं को बिल्व पत्र, भांग व धतूरा आदि उपलब्ध करवाए जाते हैं। फलाहार व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद में फल वितरित किए जाते हैं।
सावन माह में शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए अलग से सेवादार तैनात किए जाते हैं। शिवरात्रि पर संकीर्तन एवं दिनभर उत्सव का माहौल रहता है।
-गुरुदत्त शिंगारी, चेयरमैन मंदिर।
शिव मंदिर की महिमा दूर-दूर तक विख्यात है। यहां पर केवल इस इलाके के ही नहीं, बल्कि आसपास की कालोनियों से भी श्रद्धालु आकर नतमस्तक होते है। श्रद्धालुओं को सावन माह के महत्व का भी ज्ञान दिया जाता है। -पंडित शिव चरण।
सावन का माह इंसान को अज्ञानता से ज्ञान की तरफ ले जाने का अवसर भी है। इस पवित्र माह के धार्मिक तथा आध्यात्मिक महत्व के बीच विकारों को त्याग कर सकारात्मकता ऊर्जा का संचार करने का अवसर भी मिलता है। सावन के महीने में देवताओं पर सुगंधित पुष्प अर्पित कर उनका सहज आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। भगवान शिव की कृपा तथा चुनौतीपूर्ण हालात में राहत की फुहार प्रभु की कृपा से अवगत करवाती है।
-रामजी, ज्योतिषाचार्य।