जालंधर के इस बाजार में मिलता है शृंगार का हर सामान, NRI भी आते हैं खरीदारी करने

जालंधर में एक ऐसा बाजार है जो करीब डेढ़ सौ साल पुराना है। यह रैणक बाजार व सेंदा गेट के बीच गली में स्थित है। इस बाजार में वैसे तो हर समय भीड़ लगी रहती है लेकिन महिलाओं की खासकर भीड़ करवा चौथ में देखने को मिलती है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:35 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 04:14 PM (IST)
जालंधर के इस बाजार में मिलता है शृंगार का हर सामान, NRI भी आते हैं खरीदारी करने
जालंधर शहर का मीना बाजार एक बहुत ही प्रचलित और प्रसिद्ध बाजार है।

जालंधर [प्रियंका सिंह]। जालंधर शहर का मीना बाजार एक बहुत ही प्रचलित और प्रसिद्ध बाजार है। जहां पर महिलाओं के श्रृंगार का सामान बड़ी आसानी से कम दाम में मिल जाता है। इस बाजार में हर समय किसी त्योहार की तरह रौनक लगी रहती है। केवल शहरवासी ही नहीं बल्कि एनआरआइ भी इस बाजार में खरीदारी को ही अहमियत देते हैं। करीब डेढ़ सौ साल पुराना इस बाजार में रौनक हर वक्त लगी रहती है।

 

जालंधर में स्थित मीना बाजार का दृश्य।

  बाजार और गेट को आपस में जोड़े रखा है- मीना बाजार के एक तरफ रैणक बाजार है तो दूसरी तरफ सेंदा गेट। इन दोनों के बीच गली में स्थित है मीना बाजार। इस बाजार में वैसे तो हर समय भीड़ लगी रहती है लेकिन महिलाओं की खासकर भीड़ करवा चौथ में देखने को मिलती है। उन दिनों इस बाजार में पैर रखने तक की भी जगह नहीं होती। रैणक बाजार से शुरू होकर सेंदा गेट तक खत्म होने वाले मीना बाजार की खासियत यह है कि यहां पर खोखे के रूप में दुकान बना कर बैठे दुकानदार के आगे भी खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रहती है।

जालंधर के मीना बाजार में खरीदारी करते हुए लोग।

इस तरह बना मीना बाजार- स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि मीना बाजार का इतिहास कुछ ज्यादा पुराना नहीं है। सेंदा गेट में साठ के दशक में मीना बाजार की जगह लोहे की चकरी हुआ करती थी। चकरी के आगे एक बाजार था जिससे चकरी बाजार नाम से जाना जाता था। उस समय यहां पर चन्न लाल नामक दुकानदार ने महिलाओं के श्रृंगार का सामान का सामान रखना शुरू कर दिया। उसकी दुकान पर महिलाओं की भीड़ को लगती देख धीरे धीरे अन्य दुकानदारों ने भी श्रृंगार का सामान बेचना शुरू किया। तब सही सभागार को मीना बाजार कहा जाने लगा जो आज भी लोगों की जुबान पर है।

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बाजार में तब्दील हुआ रिहायशी इलाका-  वहां के दुकानदार सोहनलाल बताते हैं कि जो दुकानदार रैनक बाजार और सेंदा गेट में दुकानदारी करते थे उनकी रिहाइश संकरी गली में थी। इस गली में दो से चार मंजिल के घर बने हुए थे जिसमें लोग रहते थे। अब इस बाजार ने पूरी तरह से कमर्शियल रूप धारण कर लिया है। यहां पर सवा सौ से भी ऊपर दुकानें हैं। जिसमें खरीदारी करने के लिए महिलाओं की भीड़ देखने को मिलती है।

महिलाओं से जुड़ा हर सामान मिलता है- मीना बाजार नाम से ही पता चलता है कि यहां पर महिलाओं के श्रृंगार से जुड़ा हर सामान मिलता है। महिलाओं के सिर में सजने वाला सिंदूर से लेकर विभिन्न प्रकार के कहने, सिलाई कढ़ाई का हर सामान और पैरों का पायल भी विभिन्न डिजाइन में मिलता है। अब कुछ दुकानदारों ने मीना बाजार में ड्रेस की दुकान भी खोल ली है।

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