फतेहगढ़ साहिब में पूरी हुई थी शहीद ऊधम सिंह की अंतिम इच्छा, रोजा शरीफ में दफनाई गई अस्थियां

शहीद ऊधम सिंह ने जालियांवाला नरसंहार के समय पंजाब के लेफ्टीनेंट गवर्नर रहे माइकल ओडवायर की लंदन के कैकस्टन हाल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्हें वहां फांसी दी गई थी। उसके बाद उनकी अस्थियां फतेहगढ़ साहिब के रोजा शरीफ में दफनाई गईं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 05:42 PM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 05:42 PM (IST)
फतेहगढ़ साहिब में पूरी हुई थी शहीद ऊधम सिंह की अंतिम इच्छा, रोजा शरीफ में दफनाई गई अस्थियां
शहीद ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लिया था।

फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले शहीद ऊधम सिंह की अंतिम इच्छा शहादत के 34 वर्ष बाद फतेहगढ़ साहिब की धरती पर पूरी हुई थी। शहीद ऊधम सिंह ने जालियांवाला नरसंहार के समय पंजाब के लेफ्टीनेंट गवर्नर रहे माइकल ओडवायर की लंदन के कैकस्टन हाल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्हें इंग्लैंड में फांसी दे दी गई। बाद में उनकी अस्थियों का कलश शहीदों की धरती फतेहगढ़ साहिब स्थित रोजा शरीफ में लाकर दफनाया गया था। इतिहासकारों अनुसार उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनका शव मुस्लिम समुदाय में मक्का का दूसरा रूप माने जाते रोजा शरीफ में दफनाया जाए। आज इस स्थान पर शहीद स्मारक बनी हुई है।

हर साल शहीदी सभा के दौरान यहां आने वाले लोग देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले इस महान योद्धा की वीरगाथा से रू-ब-रू होते हैं। 26 दिसंबर 1899 को संगरूर के सूनाम में पैदा हुए ऊधम सिंह खुद को राम मोहम्मद सिंह आजाद कहलाने में फख्र महसूस करते थे। जनरल डायर को गोलियां मारने के बाद ऊधम सिंह ने पकड़े जाने पर अपना नाम राम मोहम्मद सिंह आजाद ही बताया था।

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब स्थित शहीद ऊधम सिंह का स्मारक। (जागरण)

 31 जुलाई 1940 को शहीद ऊधम सिंह को फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद उनका शव लंदन की पैंटोविले जेल के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। जिसके 34 साल बाद पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह केंद्र सरकार की मदद से लंदन से शहीद की अस्थियां भारत लाए थे। 31 जुलाई, 1974 को अस्थियों को विधिपूर्वक अग्नि भेंट किया गया था। अस्थियों की राख के सात कलश तैयार करते हुए शहीद की अंतिम इच्छानुसार एक कलश रोजा शरीफ में दफन किया गया था।

नहीं पहुंचा कोई सियासतदान, प्रशासन ने दी श्रद्धांजलि

शनिवार को शहीदी सभा के दौरान पंजाब सरकार के दो कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत और बलवीर सिंह सिद्धू के अलावा सांसद मोहम्मद सदीक भी फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। इन सियासतदानों में से कोई भी शहीद की स्मारक पर नहीं गया। सिविल व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने ही स्मारक पर फूल अर्पित करते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी।

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