सैनिटाइजर के 21 सैंपल भरे, चार की रिपोर्ट मिली, दो फेल
कोरोना काल में भले ही सैनिटाइजर लोगों के घरों में जरूरी चीजों की लिस्ट में जगह बना चुका है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
कोरोना काल में भले ही सैनिटाइजर लोगों के घरों में जरूरी चीजों की लिस्ट में जगह बना चुका है। इसी के चलते हर गली नुक्कड़ की दुकान पर सैनिटाइजर कि बिक्री शुरू हो गई है। लोग नीला रंग देख कर ही सैनिटाइजर खरीद कर खुद को सुरक्षित मान रहे हैं, जबकि इन दिनों मिलावटी व निम्नस्तरीय सैनिटाइजर की मार्केट में खूब बिक्री हो रही है। इस पर शिकंजा कसने के लिए लिए सेहत विभाग ने जिले भर में 21 सैंपल भरे और इनमें से चार की रिपोर्ट मिली और उनमें से भी दो फेल पाए गए।
सैनिटाइजर अल्कोहल, ग्लीसरीन, परफ्यूम जेल इत्यादि मिलाकर बनाए जाते हैं। इसमें कोई कंपनी अल्कोहल 40 फीसदी से 90 फीसदी डालने का दावा करती है। वहीं, कई कंपनियां केवल जेल, जड़ी-बूटी और परफ्यूम आधारित सैनिटाइजर सेल कर रही हैं।
ड्रग कंट्रोल अफसर अमरजीत सिंह कहते हैं कि 21 सैंपलों में चार की रिपोर्ट विभाग को मिली है। इनमें से दो फेल पाए गए हैं। इनमें इथनॉल की जगह मिथनॉल का इस्तेमाल पाया गया है। यह कंपनी के किए दावों पर खरे नही उतरे। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं और जवाब आने पर अगली कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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सैनिटाइजर की जगह साबुन का करें इस्तेमाल
चर्म रोग माहिर डॉ. विकास सूद कहते है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल कम हो या फिर ज्यादा वो अपना असर दिखाता है। इसे कम से कम इस्तेमाल करें। खुशबू वाले सैनिटाइजर भी एलर्जी करते हैं और कई लोगों को छींके आने लगती हैं। सैनिटाइजर का वहीं प्रयोग करना चाहिए जहां पानी-साबुन की व्यवस्था न हो। हाथों को सुरक्षित रखने के लिए माइल्ड फ्रेगनेंस फ्री सैनिटाइजर का प्रयोग करें, हाथों को ठंडे पानी से धोएं, न कि गर्म पानी से। गर्म पानी से हाथ ड्राई होते हैं। हाथ धोने के बाद टॉवल से साफ करें। जब ड्राई हाथ लगे तो कॉकॉनट ऑयल या फिर माइस्चराइजिग क्रीम का प्रयोग करें।
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मांग में आई भारी गिरावट
होलसेल केमिस्ट आर्गनाइजेशन के प्रधान रीशु वर्मा का कहना है कि अनलॉक के दौर में सैनिटाइजर की सेल में भारी कमी आई है। पिछले करीब दो सप्ताह से सैनिटाइजर की सेल में 50 फीसदी से भी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में सैनिटाइजर की सेल में और भी कमी होने की संभावना है।