रणजीत सागर हेलीकाप्टर हादसा: जल-थल में हो रही पायलट व को-पायलट की तलाश, बारिश बनी बाधा

Ranjit Sagar Helicopter Accident पंजाब के पठानकोट की रणजीत सागर झील में गिरे हेलीकाप्‍टर के पायलट और को पायलट की तलाश जल और थल दोनों में की जा रही है। बारिश के कारण तलाशी अभियान में दिक्‍कत हो रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 12:17 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:44 AM (IST)
रणजीत सागर हेलीकाप्टर हादसा:  जल-थल में हो रही पायलट व को-पायलट की तलाश, बारिश बनी बाधा
हादसाग्रस्‍त हेलीकाप्‍टर के पायलट और को पायलट की तलाश में जुटे जवान। (जागरण)

कमल कृष्ण, जुगियाल (पठानकोट) । रणजीत सागर बांध में मंगलवार सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर क्रैश हुए सेना के ध्रुव एएलएच मार्क-4 हेलीकाप्टर के पायलट व को-पायलट का दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं लगा। सुबह बारिश के कारण तलाशी अभियान देरी से शुरू हुआ। इससे टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिल्ली से आए गोताखोरों और सेना की चार टीमों ने दिन भर हेलीकाप्टर के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाठ और को-पायलट कैप्टन जयंत जोशी की तलाश की। एक विशेष बोट से टीम के सदस्य झील के बीच पहुंचे। दो गोताखोर आक्सीजन व हाइड्रोजन के सिलेंडर और झील के अंदर खुदाई के लिए दो औजार लेकर गए। अंदर पहुंच कर वे एक विशेष यंत्र से बोट में बैठे अपने साथियों को जानकारी देते रहे। दिनभर की मशक्कत के बाद कोई कामयाबी नहीं मिली।

झील के अंदर खुदाई करने वाले औजार लेकर उतरे गोताखोर खाली हाथ लौटे

इसके बाद सेना ने बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों के साथ चर्चा की और झील से सटे इलाके में टेंट लगा कर पूरे क्षेत्र को सील कर दिया। आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई। एक टीम बांध के साथ लगते जंगल में तलाश के लिए भी लगाई गई। यह भी संभावना जताई जा रही है कि हेलीकाप्टर क्रैश होने से पहले ही पायलट व को-पायलट कूद गए हों। छह सदस्यों वाली टीम ने झील के दोनों ओर घने जंगल में भी तलाश की, लेकिन यहां भी कोई सुराग नहीं मिला।

हेलीकाप्‍टर के हादसे के बाद पायलट की तलाश में जुटे सेना के जवान। (जागरण)

उधर, जम्मू के कठुआ में बुधवार को रणजीत सागर बांध व आसपास के क्षेत्रों में जम्मू-कश्मीर पुलिस और पंजाब पुलिस की सहायता से सेना ने हेलीकाप्टर हादसे में लापता पायलटों की तलाश के सेना के हेलीकाप्टरों की मदद भी ली। सूर्यास्त के बाद सर्च आपरेशन बंद कर दिया गया।

अब सेना के उच्च अधिकारियों ने मुंबई में नौसेना के अधिकारियों से संपर्क साधा है। यह टीम आधुनिक यंत्रों की सहायता से सर्च आपरेशन चलाएगी। वीरवार को नौसेना की विशेष टीम पठानकोट पहुंच सकती है। इससे पहले मंगलवार को चले सर्च आपरेशन में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम ने हेलीकाप्टर का कुछ मलबा बरामद किया था। स्थानीय पुलिस, सेना, बांध प्रशासन व एनडीआरएफ की टीम ने मंगलवार रात आठ बजे सर्च आपरेशन बंद किया था।

हादसाग्रस्‍त हेलीकाप्‍टर के पायलट और को पायलट की तलाश मेें सेना की टीेम। (जागरण)

झील में गिरे ईधन से पैदा हो रही परेशानी

हेलीकाप्टर गिरने के बाद उसका ईधन झील की सतह पर फैल गया है। इससे भी तलाशी अभियान में परेशानी हो रही है। अब इसे साफ करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि गोताखारों को दिक्कत न आए। सेना की तरफ से अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

87 किलोमीटर लंबी है झील

रणजीत सागर बांध की झील की लंबाई 87.2 किलोमीटर और चौड़ाई 2.7 किलोमीटर है। यह 100 से 800 मीटर तक गहरी है। जहां पर हेलीकाप्टर क्रैश हुआ है, उस जगह में झील की गहराई 400 मीटर के आसपास बताई जा रही है। झील जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तक फैली है।

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