जालंधर में एसडी कालेज ने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस करवाई, उमा शंकर बोले- इच्छा ही सभी दुखों का कारण

जालंधर में एसडी कालेज में आनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कालेज के प्राचार्य व कांफ्रेंस के दो कोर्डिनेटर ने कांफ्रेंस में जुड़ने वाले सभी विद्वानों का स्वागत किया और बताया की कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य नई शिक्षा प्रणाली से अपनी अमीर संस्कृति व परम्परा को जोड़ना है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 11:21 AM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 11:21 AM (IST)
जालंधर में एसडी कालेज ने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस करवाई, उमा शंकर बोले- इच्छा ही सभी दुखों का कारण
जालंधर में पीसीएम एसडी कालेज फार वूमेन में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस करवाई।

जालंधर, जेएनएन। जालंधर में पीसीएम एसडी कालेज फार वूमेन में भारतीय शिक्षा मंडल द्वारा तीन दिवसीय आनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया। जिसका आगाज कालेज की छात्राओं द्वारा उच्चारण की गई सरस्वती वंदना की आडियो चला कर किया गया। इसके पश्चात कालेज के प्राचार्य व कांफ्रेंस के दो कोर्डिनेटर ने कांफ्रेंस में जुड़ने वाले सभी विद्वानों का स्वागत किया और बताया की कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य नई शिक्षा प्रणाली से अपनी अमीर संस्कृति व परम्परा को जोड़ना है। भारतीय शिक्षा मंडल के महासचिव उमा शंकर पचौरी ने कांफ्रेंस के उद्घाटन सेशन में की नाट वक्ता थे। कांफ्रेंस के आरंभ में प्रोग्राम प्रबंधक नितेश ने कांफ्रेंस के मुख्य उद्देश्य से अवगत करवाया। उन्होंने बताया की प्राचीन काल में धर्म का केंद्र भारत ही था।

हिन्दू धर्म एक पुराना धर्म है। बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने कहा कि श्री रामचंद्र का जीवन राजनितिक, पारिवारिक, सामजिक भी हैं। उनका व्यक्तित्व एक पुत्र, पिता, पति, भाई, योद्धा के रूप में कुर्बानी कि एक बड़ी उदाहरण है। उनके जीवन के छोटी- छोटी घटनाएं भी प्रेरणादायक हैं। कांफ्रेंस के मुख्य वक्त उमा शंकर पचौरी ने कहा कि आज विश्व कोरोना महामारी जैसे चुनौतियों से घिरा हुआ है। उन्होंने कहा कि इच्छा ही सभी दुखों का कारण हैं। देखना यह है कि इन दुखों को दूर करने का उपाय क्या हैं। बीजेपी के जिला प्रधान रमेश शर्मा ने कहा कि आजकल के कठिन समय में एक दूसरे के पूर्ण सहयोग से ही इस कठिनाई से बाहर निकला जा सकता है। जहां भी दरिद्रता होगी, वहां कभी भी उन्नति नहीं हो सकती।

कांफ्रेंस के अगले सेशन की अध्यक्षता भी रमेश शर्मा ने की। इस सेशन के मुख्य वक्त प्रोफेसर टीवी.कटिमनी, कुलपति आंध्र प्रदेश केंद्रीय जनजाति यूनिवर्सिटी थे। उन्होंने बताया कि रामायण से केवल भारत को ही नहीं बल्कि अन्य देशों को भी जीवन जीने का सिद्धांत मिला है। प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत कुलपति दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और पदाउद्योगिकी यूनिवर्सिटी ने बताया कि सिर्फ ज्ञान से ही जीवन व्यतीत नहीं किया जा सकता अपितु ज्ञान का जीवन में लागू करना भी आना चाहिए। जीवन में आने वाली चुनौतियों से हम सीखते है कि बड़ी बड़ी समस्याओं का सामना कैसे करना है। कांफ्रेंस के अंत में कोर्डिनेटर व प्रिंसिपल डा. किरण अरोड़ा ने सभी छात्राओं और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। डा. जय सिंह एसोसिएट प्रोफेसर भारतीय और विश्व साहित्य विभाग अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्विद्यालय हैदराबाद ने इस कांफ्रेंस में अपना विशेष योगदान दिया। इस कांफ्रेंस मं लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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