रोपड़ आइआइडी ने बनाई खास डिवाइस, 'जीवन वायु' थमती सांसों को देगी आक्सीजन

पंजाब के रोपड़ (रूपनगर) आइआइटी ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजाें के लिए बेहद उपयोगी और जीवनरक्षक डिवाइस बनाई है। यह डिवाइस थमती सांसाें को ऑक्‍सीजन देती है। यह डिवाइस बिना बिजली के चलती है और बिजली कट होेने के बावजूद मरीजों को आक्‍सीजन सप्‍लाई बाधित नहीं होने देती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:59 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:59 AM (IST)
रोपड़ आइआइडी ने बनाई खास डिवाइस, 'जीवन वायु' थमती सांसों को देगी आक्सीजन
आइआइटी रोपड़ की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. खुशबू राखा 'जीवन वायु' के बारे जानकारी देती हुईं। (जागरण)

रूपनगर, जेएनएन। कोरोना संक्रमित उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो आक्सीजन की कमी के कारण वेंटीलेटर पर हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी रोपड़ ने आक्सीजन की कमी से जूझ रहे इन मरीजों के लिए 'जीवन वायु' डिवाइस विकसित की है। यह देश में विकसित पहली डिवाइस है जिसे मरीज को आक्सीजन की सप्लाई के कांटीन्यूस पाजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) मशीन के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

इस डिवाइस की विशेषता यह है कि बिना बिजली के भी काम करती है और यह अस्पतालों में दोनों तरह के आक्सीजन जनरेशन यूनिट जैसे कि आक्सीजन सिलेंडर और पाइपलाइन में प्रयोग किया जा सकता है। इससे पहले अस्पतालों में प्रयोग हो रही सीपीएपी मशीन में यह सुविधा नहीं थी।

आइआइटी रोपड़ ने देश की पहली बिजली रहित सीपीएपी डिवाइस 'जीवन वायु' की विकसित

इस डिवाइस को मैटार्लिजकल एंड मैटिरियल इंजीनियरिंग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. खुशबू राखा ने एडवांस मैटीरियल एंड डिजाइन लैब की मदद से तैयार किया है। उन्होंने बताया कि जीवन वायु डिवाइस सीपीएपी की तरह 20 सेंटीमीटर एच2ओ ब्रीदिंग सर्किट बनाती है और इसकी प्रवाह दर को 60 एलपीएम तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीपीएपी मशीन का प्रयोग उन मरीजों के लिए किया जाता है जिन्हौं सोने के दौरान सांस लेने में परेशानी होती है।

बिजली कट के बावजूद मरीज को आक्सीजन सप्लाई नहीं होगी बाधित

इसकी मदद से मरीज को सांस लेने में परेशानी न हो इसके लिए हल्का दबाव बनाती है। यही नहीं इसका प्रयोग उन नवजन्मे ब'चों के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है जिनके लंग्स पूरी तरह विकसित नहीं हुए होते हैं। यही नहीं इसका कोरोना संक्रमण के शुरुआत में भी प्रयोग किया जाता है। यह लंग्स के खराब होने से बचाती है और मरीज को रिकवर होने में मदद करती है।

कोरोना महामारी में यह डिवाइस हो सकती है मददगार

'जीवन वायु' डिवाइस पूरी तरह से सुरक्षित है और यह मेेडिकल के सभी पैरामीटर पर खरी उतरी है। इसमें लीकेज की संभावना बिल्कुल नहीं है और इसकी लागत भी बेहद कम है। इस डिवाइस को 22एमएम सीपीएपी क्लोज सॢकट ट्यूब के लिए तैयार किया गया है। यह बिजली के कट के दौरान तो काम करती ही है, साथ ही इसे मरीज को एक जगह से दूसरे जगह ले जाते समय भी सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रो. खुशबु ने कहा कि इस डिवाइस का कोरोना महामारी के दौरान प्रयोग और भी जरूरी है क्योंकि जो मरीज वेंटीलेटर पर हैं और उनकी जान अचानक बिजली जाने पर जोखिम में पड़ जाती है। उन्होंने बताया कि थ्रीडी प्रिंटिंग के तहत तैयार इस जीवन वायु यंत्र में एक वायरस फिल्टर भी लगा है जोकि वायरस के मरीज में प्रवेश को 99.99 फीसद प्रवेश को रोकता है।

उन्‍होंने बताया कि यह वायरस फिल्टर इसका ध्यान रखता है कि उसके आसपास के वातावरण से कोई भी वायरस मरीज में हवा के जरिये प्रवेश न कर सके। टीम ने इस डिवाइस की 3डी प्रिंटिंग के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चंडीगढ़ में रैपिड प्रोटोटाइप लैब सीमेंस सेंटर आफ एक्सीलेंस के फैकल्टी इंचार्ज सुरेश चंद के साथ मिल कर कार्य किया है। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस मेडिकल टेस्ट और बड़े पैमाने पर तैयार करने के लिए बिल्कुल तैयार है।

chat bot
आपका साथी