रोडवेज की 120 बसों के थमे पहिये, चार घंटे भटकते रहे यात्री

पंजाब रोडवेज मुलाजिमों की सांझी एक्शन कमेटी के आह्वान पर वीरवार को रोडवेज डिपो से कोई भी बस नहीं चली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 12:29 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 12:29 AM (IST)
रोडवेज की 120 बसों के थमे पहिये, चार घंटे भटकते रहे यात्री
रोडवेज की 120 बसों के थमे पहिये, चार घंटे भटकते रहे यात्री

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : पंजाब रोडवेज मुलाजिमों की सांझी एक्शन कमेटी के आह्वान पर वीरवार को रोडवेज डिपो से कोई भी बस नहीं चली। फिर चाहे वह रोडवेज की हो, किलोमीटर स्कीम के तहत हो या फिर पनबस सर्विस हो सभी बसें सुबह से ही बंद रहीं और मुलाजिम धरने पर बैठे रहे। इस दौरान किसानों के हक में व मांगों को पूरा करने के लिए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं कृषि सुधार कानून के खिलाफ चल रहे संघर्ष में किसानों के हक में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने इस दौरान निजी बसों को भी नहीं चलने दिया। रोडवेज कर्मियों के बंद के दौरान लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इधर उधर भटकते नजर आए ताकि वह किसी तरह समय पर मंजिल तक पहुंच सकें।

विभागीय जानकारी के अनुसार रोडवेज डिपो की 120 बसें हैं। एक दिन में विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों से हर दिन 13 से 14 लाख रुपये की आमदन होती है। परंतु हड़ताल के कारण डिपो को नुकसान हुआ। प्राइवेट बसों को रोकने के लिए रोडवेज कर्मियों ने बसों को सड़क के बीचोंबीच लगा दिया और पूरा यातायात ठप कर दिया। सुबह पहले मुलाजिमों न वर्कशाप के सामने धरना लगाया और बाद में जस्सा सिंह रामगढि़या चौक में लगा दिया। दूसरे जिलों से आए लोगों को बस स्टैंड पर परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी दूसरे शहरों में नौकरी करने वाले यानी डेली पेसेंजरों को हुई।

कार्यप्रणाली सुधारे केंद्र व पंजाब सरकार : प्रदर्शनकारी

सांझी एक्शन कमेटी के लगभग चार घंटे तक चले धरने में समूह नेताओं ने कहा कि केंद्र व पंजाब सरकार धक्केशाही करने पर उतरी हुई हैं। मुलाजिमों के साथ धक्का किया जा रहा है। काम एक की जगह चार-चार लोगों का लिया जाता है और सारा सिस्टम ठेके का करके कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार ठेकेदारी सिस्टम बंद करके कर्मचारियों की स्थाई भर्ती की जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि सुधार कानून पारित करके किसानों के साथ धक्का किया है जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर रजिंदर सिंह, कमलजीत सिंह, दविदर सिंह, नरिदर सिंह निदी, कुलवंत सिंह, सुखजीत सिंह, पलविदर सिंह, कुलदीप सिंह, अश्वनी कुमार, अमरजीत सिंह, कश्मीर सिंह, जसवंत सिंह, सुरिदंर सिंह व भूपिदर सिंह मौजूद रहे। लोग हुए परेशान, टैक्सी चालकों की चांदी

चाहे सांझा एक्शन कमेटी ने धरने संबंधी पहले ही घोषणा कर दी थी परंतु फिर भी जिनको हड़ताल संबंधी कोई जानकारी नहीं थी उन्हें खासी परेशानी की सामना करना पड़ा। लोकल इलाके में तो आटो चालकों ने मनमर्जी का किराया लेकर मोटी देहाड़ी बनाई और वहीं टैक्सी चालकों की भी चांदी रही। लोगों से मर्जी का किराया लिया गया और लोगों ने मजबूरी में वह चुकाया भी। टैक्सी कर जालंधर पहुंचना पड़ा

बस स्टैंड पर अपने बेटे के साथ पहुंचे चंचल सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे शिव के साथ जालंधर जा रहा था सुबह जब बस स्टैंड पर पहुंचा तो पता चला कि हड़ताल है और जालंधर जाना भी जरूरी है। उसने एक टैक्सी वाले से पूछा तो उन्होंने उससे पांच सौ रुपये मांगे। वह भी इस शर्त पर कि वह जालंधर के लिए कुछ और सवारियों को भी तैयार करे। चंचल सिंह ने बताया कि वह पिछले दो घंटे से लोगों से जालंधर जाने संबंधी तैयार कर रहा है कभी लोग तैयार होते हैं तो किराया फंस जाता है किराया देने के लिए तैयार होते हैं तो सवारियों पूरी नहीं हो रही। आज मुश्किल है कि जालंधर पहुंच सकेंगे। चंडीगढ़ जाना जरूरी है, बस न मिलने से हुई मायूस

सुरिदर कौर जोकि अपनी बेटी के साथ चंडीगढ़ जा रही थी, खासी परेशान थी। बेटी को चंडीगढ़ में जरूरी काम था और यह आखिरी तारीखें थीं। सुरिदर कौर ने बताया कि बस मिली नहीं और काम जरूरी है अब मजबूरी में टैक्सी करके जाना पड़ेगा। परंतु वह भी रिस्क है चूंकि यदि आगे न जाने दिया और रास्ते में धरना हुआ तो फिर परेशानी अलग से होगी।

chat bot
आपका साथी