खराब होने लगीं रोडवेज की वोल्वो बसें
कभी मुनाफे को ध्यान में रख खरीदी गई वोल्वो बसें अब खराब होने लगी हैं क्योंकि बसें पिछले सवा साल से चली ही नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर
कभी मुनाफे को ध्यान में रख खरीदी गई वोल्वो बसें अब पंजाब रोडवेज के लिए बोझ बनती हुई दिखाई दे रही हैं। कोरोना काल में बीते सवा साल से वोल्वो बसें चल नहीं पाई है। वर्कशाप में खड़ी रहने के चलते बसों का रखरखाव भारी चुनौती बन गया है। अब आशंका यह जाहिर की जाने लगी है कि ज्यादा समय तक खड़े रहने के चलते बसों के कलपुर्जे भी खराब होने शुरू हो जाएंगे और बसों को दोबारा रूट पर भेजने से पहले उनकी बाकायदा तौर पर रिपेयर भी करवानी होगी।
लाकडाउन से पहले अधिकतर बसों को दिल्ली, चंडीगढ़ एवं जम्मू रूट पर चलाया जाता था, जहां से रोडवेज प्रबंधन को खासी कमाई होती थी। मौजूदा समय में जम्मू का रूट तो बीते सवा साल से चल ही नहीं पाया है। दिल्ली का रूट किसान आंदोलन की वजह से प्रभावित है और चंडीगढ़ रूट पर सवारी नहीं मिल पा रही है। हालात यह हैं कि खड़ी हुई बसों की सीटें खराब होने लगी हैं और शीशों पर भी मिट्टी जमी हुई है। वोल्वो बसें बैंकों से ऋण लेकर खरीदी गई थीं और अब रोडवेज प्रबंधन को अपनी जमा पूंजी में से बैंक की किस्तें अदा करनी पड़ रही हैं। पंजाब रोडवेज के बेड़े में इस वक्त 60 के लगभग वोल्वो शामिल हैं।
एक वोल्वो बस की कीमत एक करोड़ से भी ज्यादा है। मौजूदा समय में पंजाब रोडवेज जालंधर के पास 10 के लगभग वोल्वो बसें हैं। पंजाब रोडवेज जालंधर के अधिकारियों के मुताबिक कुछ दिन से जालंधर-दिल्ली वोल्वो बस सर्विस को दोबारा बहाल करने की कोशिश की गई है और रोजाना एक बस को रूट पर भिजवाया जा रहा है। रोजाना बस को बदल दिया जाता है, ताकि 10 दिन के बाद ही सही, लेकिन प्रत्येक बस सड़क पर चलने लायक हो जाए।