सियासी दबाव में बनीं करोड़ों की सड़कें बरसात में बहीं
मानसून की बरसात ने शहर की सड़कों की बखिया उधेड़कर रख दी है। खासकर उन सड़कों पर ज्यादा खतरा मंडरा रहा है जो हाल ही में बनाई गई हैं।
जागरण संवाददाता जालंधर : मानसून की बरसात ने शहर की सड़कों की बखिया उधेड़कर रख दी है। खासकर उन सड़कों पर ज्यादा खतरा मंडरा रहा है जो हाल ही में बनाई गई हैं। इनमें कई मुख्य सड़कें वह हैं जिन पर हाल ही में करोड़ों रुपये भी खर्च किए गए। इन्हें बनाने का समय गलत तय किया गया और राजनीतिक दबाव में बनाई गई सड़कें अब गड्ढों का रूप लेने लगी हैं। प्रीत नगर सोढल रोड का नतीजा पहले ही सामने आ चुका है। बरसाती सीवरेज डालने के बाद एक बरसात गुजरने का इंतजार किए बिना ही लोगों को खुश करने के लिए सड़क बना दी गई।
अब यहां मिट्टी बैठने के बाद सड़क कई जगह से धंस गई है। डीसी आफिस रोड की सड़क 90 लाख से बनी है और कई जगह हल्की बरसात के बाद ही जलभराव हो रहा है। यह सड़क भी ज्यादा समय तक नहीं टिक पाएगी। सड़क निर्माण के समय ही क्वालिटी और पानी की निकासी का इंतजाम ना होने के आरोप लगने लगे थे। बरसात खत्म होते-हाते निगम को सड़कों के रूप में 10 करोड़ का नुकसान होना तय है। यह सड़कें समय से पहले टूट जाएंगी और लोगों को एक बार फिर मुसीबत झेलनी पड़ेंगी। विधायक फंड से बन रही सड़कों पर एक साल की गारंटी है जबकि निगम फंड से बनने वाली सड़कों पर सिर्फ छह महीने की गांरटी ही मिलती है। नगर निगम के एसई बीएंडआर रजनीश डोगरा ने कहा कि लुक-बजरी की सड़कों का निर्माण तो रोक दिया गया है लेकिन कंकरीट की सड़कें बन सकती हैं। ठेकेदारों को भी निर्देश है कि सड़क निर्माण के समय बेस कमजोर ना हो। पानी की निकासी पर भी फेल साबित हुआ निगम
नगर निगम का मौजूदा हाउस बनने के बाद सड़क निर्माण से पहले पानी की निकासी के लिए रोड गलियां बनाने की जोर शोर से तैयारी शुरू की गई। इसे लेकर कई सड़कों का काम भी देरी से हुआ लेकिन अब जब बरसात पड़ रही है तो जलभराव में कहीं कोई कमी नहीं आई। मास्टर गुरबंता सिंह मार्ग पर कई जगह पानी खड़ा हो रहा है। इसी तरह सेंट्रल हलके में हाल ही में करोड़ों रुपये से बनाई गई लाडोवाली रोड, शास्त्री मार्केट से कचहरी चौक तक की सड़क पर भी खतरा बना हुआ है। काला संघिया रोड तो कुछ ही महीने में कई जगह से टूट चुकी है। यहां पर पानी की निकासी के लिए रोड गलियां नहीं बनाई गई। ---------
विकास प्रोजेक्टों से भी बिगड़ी सड़कों की हालत
शहर के चारों विधानसभा हलकों में टूटी सड़कें मुसीबत बन गई हैं। बरसाती सीवरेज सरफेस वाटर प्रोजेक्ट अमृत योजना के तहत वाटर सप्लाई लाइन डालने के प्रोजेक्ट ने बरसात के दौरान मुसीबत और बढ़ा दी है। इन सभी प्रोजेक्ट पर बिना रुकावट काम चल रहा है और इसी कारण से पिछले तीन से चार महीनों में उखाड़ी गई सड़कें अब लोगों को दर्द दे रही हैं। नार्थ हलका : बरसाती सीवरेज प्रोजेक्ट के कारण प्रीत नगर सोढल रोड और आसपास की कई कालोनियों, लम्मा पिड चौक और वेरका मिल्क प्लांट गदाईपुर से सटी कालोनियों में ज्यादा परेशानी है।
वेस्ट हलका : 120 फुट रोड पर बरसाती सीवरेज डालने के कारण सड़क खोदी गई है। इसी कारण से बस्ती पीर दाद रोड के हालात भी खराब हैं।
सेंट्रल हलका : रामा मंडी की कई प्रमुख सड़कें, रेलवे रोड लाडोवाली रोड का एक हिस्सा, बीएमसी चौक से बस स्टैंड तक की सर्विस लेन डे खराब हालत में है। बरसात के कारण इन सड़कों पर पड़े गहरे गड्ढों में पानी भरने के बाद दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। अभी 15 सितंबर तक खस्ताहाल सड़कों से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। सड़क निर्माण और पैच वर्क का काम बरसात के बाद ही संभव होगा।
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कैंट हलका : निगम की हद में शामिल 11 गांव झेल रहे परेशानी
सबसे ज्यादा मुश्किल उन 11 गांव के इलाकों में है जो हाल ही में नगर निगम की हद में शामिल किए गए। इन इलाकों में नया सीवरेज डालने का काम चल रहा है इसलिए कई किलोमीटर सड़कें खोद दी गई हैं। इन सड़कों को अभी बनाने में समय लगेगा। इन इलाकों के लोग इस समय इस से भी परेशान हैं कि वह अपना दुखड़ा किसके आगे हुए रोएं। नगर निगम इन इलाकों को मेंटेन करने के लिए तीन साल का समय लेगा। निगम का इस इलाके पर फोकस नहीं है और छोटी-छोटी समस्याओं के लिए भी नागरिकों को भटकना पड़ रहा है। गड़ा, अर्बन एस्टेट और कई पाश आबादियों में भी सड़कों की हालत खराब है और बरसात के बाद ही काम हो पाएगा।