वरियाणा डंप पर एक महीना पहले 43 लाख से बनाई सड़क धंसी
वरियाणा डंप पर 43 लाख से एक महीना पहले गई सड़क धंसने लगी है। बेस कमजोर होने के कारण सड़क कूड़ा लगे भारी वाहनों का भार नहीं झेल पा रही।
जागरण संवाददाता, जालंधर : वरियाणा डंप पर 43 लाख से एक महीना पहले गई सड़क धंसने लगी है। बेस कमजोर होने के कारण सड़क कूड़ा लगे भारी वाहनों का भार नहीं झेल पा रही। इंटरलाकिंग टाइल्स की सड़क कई जगह से धंस रही है और कई जगह रोड गलियां भी क्षतिग्रस्त हुई है। कूड़े से होने वाले पानी के रिसाव और बेस के नीचे भी कूड़ा होने से सड़क को नुकसान हुआ है। नगर निगम ने शहर से कूड़ा उठाने के लिए बड़े टिप्पर हायर किए हैं। इन बड़े टिप्परों में कूड़ा भी ज्यादा होता है। भार नहीं झेल पाने के कारण भी सड़क धंसने लगी है।
डंप पर रोजाना गाड़ियों के करीब 100 चक्कर लगते हैं। ऐसे में बेसवर्क पर काम नहीं किया गया तो सड़क और टूटेगी। इंटरलाकिग टाइल्स खिसकने से गाड़ियों को भी नुकसान पहुंच सकता है। अगर इसे समय रहते ठीक न किया गया तो आने वाले दिनों में शहर में कूड़ा लिफ्टिंग प्रभावित हो सकती है क्योंकि गाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ेगा। इससे पहल जब सड़क का निर्माण हुआ तब भी करीब तीन सप्ताह तक कूड़ा डंप पर नहीं फेंका जा सका था। नगर निगम ने शहर से कूड़ा उठा कर बस्ती बावा खेल से आगे ड्रेन के किनारे फेंका था। यह नया डंप यहां के बड़े कारखानों के पीछे है। कूड़े का ढेर लगने से कारखाना मालिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बदबू के कारण लेबर के लिए कारखानों में काम करना मुश्किल हो रहा है। हैवी गाड़ियों की आवाजाही से ट्रैफिक सिस्टम बिगड़ा है। डंप पर काम करने के लिए ठेकेदार भी तैयार नहीं होते हैं क्योंकि लेबर यहां काम नहीं करती। इसी वजह से सड़क निर्माण के काम में भी दो साल लग गए।
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सड़क-सीवरेज और चारदीवारी के जरूरी काम लंबित
वरियाणा डंप पर कई महत्वपूर्ण काम अभी भी लंबित हैं। डंप पर सड़क का अभी एक हिस्सा और बनाना है जिसके लिए अलग से प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यहां पर सिर्फ पत्थर डाला जाएगा ताकि गाड़ियों को आसानी से कूड़ा फेंकने के लिए लाया जा सके। डंप पर इंटरलाकिग टाइल्स की सड़क इसलिए बनानी पड़ी क्योंकि कूड़े के ढेर पर कंक्रीट सड़क बनाने को लेकर एक राय नहीं बन पाई थी। तकनीकी माहिरों ने कहा था कि कूड़ा होने की वजह से यहां पर कई तरह की गैसों का रिसाव होगा और कंक्रीट की सड़क में दरार पड़ सकती है। इंटरलाकिग टाइल्स की सड़क से ऐसा खतरा कम होगा। डंप पर गंदे पानी की निकासी के लिए ड्रेन भी बनाई जानी है। डंप का गंदा पानी आसपास के खेतों को नुकसान ना पहुंचाए इसके लिए चारदीवारी भी की जानी है लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो पाया है।
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चेयरमैन मुआयना करेंगे, रिपेयर होगी सड़क
नगर निगम की हेल्थ एंड सैनिटेशन एडहाक कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर ने कहा कि वह वरियाणा डंप का खुद मुआयना करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि डंप पर कूड़ा होने के कारण सड़क का बेस कमजोर ही रहेगा और सड़क की मरम्मत भी बार-बार करनी पड़ेगी। इसी वजह से कंक्रीट यह सड़क नहीं बनाई गई थी और इंटरलाकिग टाइल्स लगाई गई हैं। इसमें जो भी कमी आएगी उसे तुरंत दूर करवाया जाएगा। बेस वर्क को और मजबूत करेंगे ताकि नुकसान न हो।