मंजूरी की दस फीसद फीस देकर बेच दी अवैध कॉलोनियां, 26 कॉलोनाइजरों पर हो सकती है कार्रवाई

निम्मा ने कहा कि कॉलोनाइजर 10 प्रतिशत राशि देकर पूरी कॉलोनी विकसित कर बेच देते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 01:19 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 01:19 AM (IST)
मंजूरी की दस फीसद फीस देकर बेच दी अवैध कॉलोनियां, 26 कॉलोनाइजरों पर हो सकती है कार्रवाई
मंजूरी की दस फीसद फीस देकर बेच दी अवैध कॉलोनियां, 26 कॉलोनाइजरों पर हो सकती है कार्रवाई

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम में कॉलोनी रेगुलर (मंजूर) करवाने के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। कॉलोनाइजरों ने कॉलोनी मंजूर करवाने के लिए 10 फीसद फीस जमा करवाकर आवेदन किया था। इसके बाद उन्होंने बकाया फीस जमा नहीं करवाई। दूसरी तरफ कॉलोनी में थोड़ी-बहुत डवलपमेंट कर उसे मंजूर दिखाकर प्लाट काट दिए गए। अब इस पूरे मामले की भनक निगम की टाउन प्लानिग एंड बिल्डिंग एडहॉक कमेटी को लगी है। इसके बाद कमेटी की शुरुआती जांच में ऐसी 26 कॉलोनियां पकड़ में आई हैं। इन सभी की रिपोर्ट मंगवाई गई है। चर्चा है कि इन सभी कॉलोनाइजरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी है।

एडहॉक कमेटी की मीटिग में चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा ने म्यूनिसिपल टाउन प्लानर (एमटीपी) परमपाल सिंह से कहा है कि सभी कॉलोनियों की रिपोर्ट दी जाए कि इनमें कितने प्लॉट हैं, कितनी कोठियां बनी हैं और कितनी एनओसी जारी हुई है। निम्मा ने कहा कि निगम को 26 कॉलोनियों की मंजूरी के लिए आवेदन तो मिले हैं, काफी समय बीत जाने के बाद भी कॉलोनाइजरों ने पेंडिंग राशि जमा नहीं करवाई और कॉलोनी विकसित कर बेच दी हैं। यह प्लाट होल्डर और सरकार के साथ धोखा है। चेयरमैन निम्मा के साथ मीटिग में मौजूद ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह, कमेटी मेंबर सुशील शर्मा, सुशील कालिया, मनजीत कौर, डॉली सैनी ने फैसला लिया है कि सभी कॉलोनियों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार होगी और जिस कॉलोनाइजर ने गड़बड़ी की होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एडहॉक कमेटी की अगली मीटिग 28 जून को होगी। निम्मा ने कहा कि बिल्डिंग ब्रांच को इतना समय दिया गया है कि वे अगली मीटिंग में रिपोर्ट को लेकर कोई बहाना नहीं बना सकते।

निम्मा ने लॉकडाउन से पहले कुछ कॉलोनियों की जांच भी की थी। उसी दौरान ये सामने आया था कि मंजूरशुदा कॉलोनी के साथ-साथ कई अवैध कॉलोनियां भी विकसित कर बेची जा रही हैं। हालांकि इन कॉलोनियों में प्लॉट लेने वालों को ज्यादा मुश्किल नहीं होगी, क्योंकि सरकार ने उन्हें भी एनओसी देने का फैसला पहले ही कर लिया है। इतना जरूर है कि जो डवलपमेंट, पार्क, कम्यूनिटी हॉल आदि सुविधाएं कॉलोनाइजर ने देनी थी, समें परेशानी हो सकती है। अगर कॉलोनाइजर यहां काम नहीं करेगा तो निगम को जिम्मेदारी उठानी होगी। निगम के पास पहले ही फंड की कमी है, ऐसे में लोगों की मुश्किल जरूर बढ़ सकती है। विद्यार्थियों को राहत नहीं देने वाले स्कूल-कॉलेजों से निगम भी सख्ती से निपटेगा

एडहॉक कमेटी ने फैसला लिया है कि प्राइवेट स्कूलों-कॉलेजों की इमारतों की जांच करवाई जाएगी। निम्मा ने कहा कि साथियों से चर्चा के बाद फैसला लिया है कि शहर के सभी प्राइवेट स्कूलों-कॉलेजों की भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। सभी की जमीन व इमारत की पैमाइश करवाए जाएगी। स्कूलों-कॉलेजों को जमीन का सीएलयू करवाना होगा और जितनी बिल्डिंग बनी है, उसकी फीस देनी होगी। निम्मा ने कहा कि अधिकतर संस्थानों ने न तो सीएलयू करवाया है और न ही नक्शा पास करवाया है। कोरोना के दौर में यह भी स्पष्ट हो गया है कि स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से कमर्शियल हैं और किसी ने भी विद्यार्थियों को राहत देने के लिए कदम नहीं उठाया। किसी ने भी फीस न लेने की घोषणा नहीं की, उल्टा रियायत देने की बजाय फीस वसूली के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। अब इन्हें निगम भी रियायत नहीं देगा। शहर के सैंकड़ों स्कूल सालाना लाखों-करोड़ों कमाते हैं, लेकिन जब सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की बारी आती है तो वो पीछे हट जाते हैं। इन सभी की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। रिपोर्ट तैयार होते ही नोटिस जारी किए जाएंगे।

चहारबाग की बिल्डिंग और मंडी चौक के होटल पर चलेगी डिच

टाउन प्लानिग एंड बिल्डिंग एडहॉक कमेटी ने एमटीपी परमपाल सिंह को निर्देश दिया है कि चहारबाग में बिना मंजूरी बनी कॉमर्शियल बिल्डिंग को गिराने के आदेश पर तुरंत अमल किया जाए। सोमवार को हुई सीलिग पर निम्मा ने कहा कि सिर्फ सीलिग करके अवैध इमारतों को बचाने का प्रयास सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रताप बाग-लाडोवाली रोड पर मंडी चौक के पास बने होटल पर भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। कुछ अन्य इमारतों पर भी कार्रवाई के लिए भी चर्चा की गई है।

क‌र्फ्यू के दौरान बनी इमारतें गिराई जाएंगी

नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने कहा कि क‌र्फ्यू के दौरान शहर में बनाई गई इमारतों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि कारवाई के लिए कमिश्नरेट पुलिस से इन इमारतों संबंधी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा कि इनमें कुछ ऐसी इमारतें भी हैं जिनके खिलाफ पहले ही कोर्ट में केस चल रहा है।

बद्रीदास कॉलोनी निवासियों ने डीसी को दी शिकायत

महावीर मार्ग स्थित बद्रीदास कॉलोनी के लोगों ने डिप्टी कमिश्नर को शिकायत दी है कि मेन रोड पर पुरानी इमारत को रेनोवेट करके होटल बनाया जा रहा है। उन्होंने सड़क पर लगे गार्डर भी उखाड़ दिए हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों ने माग की है कि इस इमारत की भी जांच की जाए।

chat bot
आपका साथी