स्मार्ट रोड पर 'कब्जे का किराया'-एक हजार रुपये महीना

शहर में करोड़ों रुपये की लागत से बन रही स्मार्ट रोड पर नगर निगम एक हजार रुपये महीना लेकर कब्जा करवा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 02:01 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 02:01 AM (IST)
स्मार्ट रोड पर 'कब्जे का किराया'-एक हजार रुपये महीना
स्मार्ट रोड पर 'कब्जे का किराया'-एक हजार रुपये महीना

जागरण संवाददाता, जालंधर : शहर में करोड़ों रुपये की लागत से बन रही स्मार्ट रोड पर नगर निगम एक हजार रुपये महीना लेकर कब्जा करवा रहा है। वर्कशाप चौक समेत अन्य चौक का सुंदरीकरण करके इसके आसपास फुटपाथ पर भी कब्जे करने का यह रेट है। नगर निगम पहले कब्जे की छूट देता है और उसके बाद एक हजार रुपये प्रति महीना जुर्माने की पर्ची काटकर अपनी जिम्मेवारी पूरी कर लेता है। सड़क से कब्जा हटाने के बजाय रेहड़ियों को जुर्माने के नाम पर मंजूरी देता है। कई मुलाजिम तो सरकारी जुर्माने से ज्यादा अपना जुर्माना लगाते हैं। निगम की इस जुर्माना स्कीम की पोल वर्कशाप के पास रेहड़ी लगाने वालों की लड़ाई ने खोल दी। दो दिन पहले फुटपाथ पर रेहड़ी लगाने वालों में झगड़ा हुआ। रेहड़ीवाले एक-दूसरे पर धौंस जमाते दिखे कि वह निगम मुलाजिमों को हर महीने इतने पैसे देते हैं और फुटपाथ पर तय जगह पर उसकी ही रेहड़ी लगेगी। जब निगम की स्मार्ट रोड और फुटपाथों पर कब्जे करवाएगा तो ट्रैफिक सिस्टम तो बर्बाद होगा ही। फुटपाथ तो रेहड़ियों के कब्जे में आ गया

वर्कशाप चौक के सुंदरीकरण पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और अब करोड़ों रुपये से स्मार्ट रोड बनाने का काम चल रहा है। स्मार्ट रोड का काम जैसे-जैसे पूरा होता जा रहा है वैसे-वैसे कब्जे भी दोबारा शुरू हो गए हैं। फुटपाथ तो रेहड़ियों के कब्जे में आ ही गया है। वर्कशाप चौक से डाल्फिन चौक तक की सड़क की एक लेन निर्माण की वजह से बंद हैं इसलिए सड़क पर ट्रांसपोर्टरों के कब्जे कम हैं लेकिन आने वाले दिनों में स्मार्ट रोड पर ट्रकों की पार्किंग देखने को मिल सकती है। निगम की गलती यहां भी

शहरभर में फुटपाथों-सड़कों पर रेहड़ियां इस वजह से भी हैं क्योंकि नगर निगम अभी तक रेहड़ियों के लिए स्ट्रीट वेंडिग जोन विकसित नहीं कर सका। जोन विकसित करने का काम करीब छह साल से चल रहा है लेकिन अभी तक सिर्फ बस स्टैंड के बाहर स्ट्रीट जोन बनाया गया है और वहां पर भी निगम रेहड़ियों को शिफ्ट नहीं का पाया। निगम ने शहर में 38 जोन बनाने हैं। इनमें से चार जगह के टेंडर लगाए हैं लेकिन काम शुरू नहीं हो पा रहा।

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