रोटरी क्लब के सदस्यों से साध्वी रूपेश्वरी बोली- प्रकृति का हर हिस्सा करता है विविधिता की ओर इशारा
साध्वी रूपेश्वरी भारती ने कहा प्रकृति हर तरह से विविधता की ओर इशारा करती है। कहीं आकाश छूते पहाड़ हैं तो कहीं समतल मैदान। कहीं रेगिस्तान हैं तो कहीं हरी-भरी उपजाऊ भूमि है। एक बगीचे को देखें तो हम पाएंगे वृक्षों की पत्तियां भिन्न भिन्न प्रकार की हैं।
जासं, जालंधर। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने रोटरी क्लब की ओर से स्थानीय होटल में करवाई गई 'आशीर्वाद' मीटिंग में क्लब के सदस्यों को प्रकृति का महत्व समझाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व मुख्य प्रवक्ता श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रूपेश्वरी भारती थी। उन्होंने बताया कि प्रकृति हर तरह से विविधता की ओर इशारा करती है। कहीं आकाश छूते पहाड़ हैं तो कहीं समतल मैदान। कहीं रेगिस्तान हैं तो कहीं हरी-भरी उपजाऊ भूमि है। एक बगीचे को देखें तो हम पाएंगे वृक्षों की पत्तियां भिन्न भिन्न प्रकार की हैं। वृक्षों पर फूल विभिन्न रंगों के खेलते हैं। पशु एवं पक्षियों में विभिन्नता पाई जाती है, यदि हम मानव जाति की बात करें तो यहां भी हर स्तर पर विविधता देखने को मिलती है। हर व्यक्ति का अलग रंग, अलग भाषा और अलग रूप होता है।
व्यवहारिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो डॉक्टर भी सिर्फ एक ही औजार से ऑपरेशन नहीं कर देता। उसे अपने विभिन्न उपकरणों का प्रयोग बारी-बारी से करना पड़ता है। कहने का भाव कि जब विविधता संगठित होकर एक साथ चलती है, तब ही सफलता कदम चूमती है। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में बनी बैरियर रीफ संगठन की शक्ति का जीवंत उदाहरण है। यह दुनिया की सबसे बड़ी एकल संरचना है जो जीवित जीवों ने बनाई है। इस रीफ संरचना को अरबों छोटे जीव निर्मित करते हैं।
ऐसे एक नहीं, अनेकों उदाहरण है जो हमें संगठन की शक्ति का अहसास करवाते हैं। केवल कथा कहानियां ही संगठन की शक्ति को प्रदर्शित नहीं करते, यदि हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो वहां भी हम इसी सत्य की झांकी पाएंगे।
साध्वी ने बताया कि गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने भी सदैव मानव जाति को यही प्रेरणा और संदेश दिया है कि हम सब अपने अपने अहम को, स्वार्थ को, कामनाओं और इच्छाओं को दरकिनार करते हुए अपने जीवन के महान लक्ष्य एवं समाज के कल्याण के लिए संगठित होकर एक साथ दृढ़ता से आगे बढ़ते रहें। इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि जो विचार साध्वी जी ने व्यक्त किए हैं, उनकी समाज को उसी प्रकार जरुरत है, जिस प्रकार जीवित रहने के लिए सांसों की होती है। इस मौके पर जतिंदर जैसवाल, सचिव, ब्रजेश सिंघल, सुरेंद्र सेठ, पवन गुप्ता, प्रभपाल पन्नू, हरप्रीत कौर प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी मौजूद थे।