होलसेल व रिटेल कारोबार में मंदी, बेरोजगारी बढ़ेगी

दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव में दवा दुकानदारों ने कहा कि ई-फार्मेसी से बेरोजगारी बढ़ेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 04:06 AM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 04:06 AM (IST)
होलसेल व रिटेल कारोबार में मंदी, बेरोजगारी बढ़ेगी
होलसेल व रिटेल कारोबार में मंदी, बेरोजगारी बढ़ेगी

जागरण संवाददाता, जालंधर

आइटी युग में आनलाइन प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। घर का राशन हो या फिर टीवी, फ्रिज सब आनलाइन घर बैठे ही मिल रहा है। दवाइयों की खरीद के लिए भी देश में ई-फार्मेसी के कारोबार को लेकर आए दिन कंपनियां विस्तार कर रही हैं। इस तरफ लोगों का भी रूझान भी बढ़ रहा। वहीं होलसेल व रिटेल दवा विक्रेता इसे ड्रग एक्ट के खिलाफ बता रहे हैं। उनका कहना है कि इसकी वजह से दवाइयों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। दुकानों पर दवाइयों की सेल कम होने लगी है और दवा विक्रेता इस सीजन में मंदी का कारण ई-फार्मेसी को बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर लगाम लगानी चाहिए, नहीं तो भविष्य में बेरोजगारी बढ़ेगी। दिलकुशा मार्केट के ढिल्लो कांप्लेक्स में दैनिक जागरण फेसबुक लाइव में दुकानदारों ने ये विचार व्यक्त किए।

------------ ई-फार्सेमी के चलते दवाइयों के कारोबार में 30 फीसद के करीब गिरावट हो चुकी है। आने वाले दिनों में यह दर बढ़ने के आसार है। इससे दुकानदारों की परेशानी बढ़ेगी।

अभिनंदन शर्मा

------- ई-फार्मेसी लोगों की ओर से दवाइयों का गलत इस्तेमाल करने का माध्यम बन चुकी है। कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है।

संजीव पुरी

------- दवाइयों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार को ई-फार्मेसी सिस्टम को बंद करना चाहिए। उन पर होलसेल व रिटेल केमिस्टों वाली नीतियां सख्ती से लागू की जाए।

अश्वनी शर्मा

------ सरकार की सहमति से खुली ई-फार्मेसी दवाइयों के कारोबार के पतन का बड़ा कारण बनेगी। इसका असर सरकार को मिलने वाले राजस्व पर भी पड़ेगा। सरकार कदम उठाए।

उमेश ढिगरा

----- दवाइयों का कारोबार कम होने से दुकानदार खर्च कम करने के लिए मुलाजिमों की संख्या कम करेंगे। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। इससे दुकानदारों को नुकसान हो रहा है।

पुनीत गांधी

------- डाक्टर-केमिस्ट और मरीज एक डोर में बंधे हैं। सरकार इस कड़ी से केमिस्टों को निकालने के लिए नए हत्थकंडे अपना रही है। इसका भविष्य में नुकसान ज्यादा होगा।

गौरव मरवाहा

------- ई-फार्मेसी से दवाइयों के ट्रेड को ज्यादा खतरा है। दवा निर्माता कंपनियों पर इसका कोई असर नहीं पडे़गा, परंतु होलसेल व रिटेल केमिस्टों के लिए यह नुकसानदायक साबित होगा।

सुनील सोनी

------- कई बार आनलाइन आर्डर करने से दवा देरी से मिलती है। कई बार तो मरीज इंतजार करते रहते हैं, तब तक बीमारी बढ़ जाती है और डाक्टरों को दवा बदलनी पड़ती है।

दिनेश कुमार

------ आनलाइन पर भले ही बड़े डिस्काउंट दिखाए जाते हैं, लेकिन जब डाक्टर की पर्ची पोर्टल पर अपलोड की जाती है तो ज्यादातर दवाइयां उस श्रेणी से बाहर होती हैं और मरीजों को निराशा झेलनी पड़ती है।

सर्बजीत सिंह

------ आइटी तकनीक का इस्तेमाल हाईप्रोफाइल लोग ज्यादा करते हैं। आम जनता के लिए केमिस्ट से ही दवा लेना फायदेमंद है। डाक्टर की सलाह के अनुसार कभी भी दवा बदली जा सकती है।

मोहनजीत सिंह

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