होनहार शटलर राजीव को पसंद था जूडो, भाई को देखकर रैकेट पकड़ा
जालंधर के स्टार बैडमिंटन प्लेयर ओपन स्टेट लेवल पर अंडर 17 लेवल पर ¨सगल्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
जासं, जालंधर। 12 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। हरियाणा से जब जालंधर शिफ्ट हुआ तो हंसराज स्टेडियम में आकर खेलना शुरू किया। स्टैंडर्ड हाई हुआ तो गेम से और प्यार हो गया। अब इसे शिद्दत से चाहता हूं। अभी हेमकुंट पब्लिक स्कूल में आर्ट्स में 12वीं कर रहा हूं। जालंधर के स्टार बैडमिंटन प्लेयर राजीव गोयल कहते बताते हैं कि वह अब तक ओपन स्टेट लेवल पर अंडर-17 में सिंगल्स में गोल्ड जीत चुका हूं। अंडर डबल्स में गोल्ड और मिक्स डबल्स में भी गोल्ड जीता है। 2017 में ऑल इंडिया रैंक में भी तीसरी पॉजीशिन हासिल की। हरियाणा में भी ओपन स्टेट में थर्ड रहा।
मुझे तो जूडो पसंद था, भाई को देख पकड़ा रैकेट
बचपन से ही मुझे खेलना पसंद था। जूडो मेरा फेवरेट खेल था लेकिन भाई हमेशा बैडमिंटन खेलता था। भाई को बैडमिंटन खेलता देख एक दिन मैंने भी रैकेट अपने हाथ में लिया। कभी-कभार थोड़ा खेलकर मुझे बैडमिंटन में खुशी मिलने लगी। जालंधर आकर मैंने इसकी कई बारीकियां सीखीं। मुझे नीरज बांसल, ओपिंदर कलसी, करण कोहली और जयदीप कोहली से बहुत कुछ सीखने को मिला है। अपने देश के लिए खेलना चाहता हूं मेरा अगला लक्ष्य जनवरी में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप जीतना है। मैं अंडर 17 के वर्ग में सिलेक्ट हुआ हूं। इसके बाद मेरा पूरा ध्यान वर्ल्ड चैंपियन की तरफ है। इसके लिए मैं खुद को तैयार भी कर रहा हूं। सुबह 10 से 1 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक प्रेक्टिस करता हूं। सुबह उठकर दो घंटे जरूर पढ़ता हूं ताकि स्टडी भी प्रभावित न हो।
अब खेल का लेवल हाई
हरियाणा में जूडो से शुरुआत की और बैडमिंटन सीखा। तब माता-पिता स्टडी पर फोकस करने को कहते, लेकिन मेरा मन बैडमिंटन की तरफ लगा रहा। फैमली जालंधर ट्रांसफर हुई और हंसराज स्टेडियम में खेलना शुरू किया। उसके बाद मैंने कई बारीकियां सीख मेडल्स अपने नाम किए। अब बैड¨मटन का लेवल काफी हाई हो गया है। क्रिकेट के साथ-साथ बैड¨मटन को भी फैंस उत्साह से देखते हैं।