बरसात ने बिगाड़ा काम, निगम के सभी प्रबंध फेल

इकहरी पुली में सीवरेज जाम की समस्या वीरवार रात से शुक्रवार सुबह तक हुई बारिश ने बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 10:18 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 10:18 PM (IST)
बरसात ने बिगाड़ा काम, निगम के सभी प्रबंध फेल
बरसात ने बिगाड़ा काम, निगम के सभी प्रबंध फेल

जागरण संवाददाता जालंधर

इकहरी पुली में सीवरेज जाम की समस्या वीरवार रात से शुक्रवार सुबह तक हुई बरसात के कारण और बढ़ गई है। पिछले तीन दिनों में नगर निगम ने विभिन्न उपाय करके यहां पर पानी का लेवल कम करने की कोशिश की, लेकिन बरसात से यह सारा काम धरा का धरा रह गया। इकहरी पुली में एक बार फिर काफी पानी बढ़ गया है। इसके साथ ही लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है।

जिला भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य एवं माई हीरां गेट के कारोबारी राकेश गुप्ता ने इकहरी पुली के बिगड़ते हालात पर चिता जताई। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक और कारोबारी दूरियां बढ़ रही हैं, जोकि चिता का विषय है। वही लोगों को उम्मीद थी कि पानी का लेवल कम होगा, लेकिन बरसात के कारण दोबारा पानी भरने से लक्कड़ मार्केट के कारोबारियों में निराशा है। भाजपा नेता राकेश गुप्ता ने कहा कि वह शनिवार को इलाके का दौरा करेंगे और कारोबारियों के साथ मीटिग करके इस मुद्दे पर अगली रणनीति बनाएंगे। नगर निगम ने ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई कम करके और किशनपुरा डिस्पोजल को रात में ज्यादा समय चला कर पानी कम करने की कोशिश की थी, लेकिन अभी यह प्रक्रिया सफल होती नजर नहीं आ रही है। अगले कुछ दिनों तक यह मुसीबत बनी रहेगी, क्योंकि बरसात होने की अनुमान है। निगम पक्का इंतजाम करे

लक्कड़ मार्केट में काम करने वाले राणा ने कहा कि नगर निगम को यहां पर पक्का इंतजाम करना चाहिए। पानी की निकासी न होने से सारा इलाका प्रभावित है। ऐसे ही हालात रहे तो लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। नगर निगम समय रहते इसका प्रबंध करे। तकनीकी माहिरों से लें राय

किरणदीप सिंह ने कहा कि सिर्फ एक इकहरी पुली की समस्या के कारण लोगों का कारोबार बर्बाद हो रहा है। पिछले 25 साल से यह समस्या बनी हुई है। नगर निगम इस समस्या के हल के लिए सीवरेज डिस्पोजल के माहिरों से राय ले। लापरवाह हो गए हैं अधिकारी

सुखविदर सिंह का कहना है कि काम तभी हो पाएगा जब नगर निगम इसे चुनौती के रूप में लेगा। नगर निगम अधिकारियों का रवैया बेहद लापरवाह पूर्ण है और इसका खामियाजा इलाके के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जब तक पक्का हाल नहीं होता तब तक टेंपरेरी तौर पर पानी की निकासी करनी होगी।

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