जालंधर में रविवार को तेजाबी बारिश से स्माग होगी खत्म, चमड़ी, बालों व आंखों का रखें ध्यान
जालंधर में मौसम विभाग ने इस रविवार बाद दोपहर बारिश की संभावना जताई है। बारिश से प्रदूषण व बीमारियों से तो राहत मिलेगी लेकिन बारिश के सीधे प्रभाव में आने से आंखों चमड़ी व बालों की बीमारियां हो सकती हैं।
कमल किशोर, जालंधर मौसम विभाग ने इस रविवार बाद दोपहर बारिश की संभावना जताई है। बारिश से प्रदूषण व बीमारियों से तो राहत मिलेगी लेकिन बारिश के सीधे प्रभाव में आने से आंखों, चमड़ी व बालों की बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, दीवाली पर चले पटाखे व पराली के धुएं के कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। विषैले कण हवा में घुल चुके है जो बारिश के रूप में धरती पर नीचे आएंगे। मौसम विज्ञानी इसे तेजाबी बारिश मान रहे है। उनके मुताबिक शुरुआत करीब एक घंटे तक तेजाबी बारिश होगी। बारिश के बाद उसके बाद आसमान साफ हो जाएगा। हवा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा और यह पचास से भी कम रह सकता है। अभी एयर क्वालिटी इंडेक्स 150 के आसपास चल रह है और मंगलवार को भी 154 रिकार्ड किया गया जो कि पर्यावरण व सेहत के लिए घातक है। दोआबा कालेज के मौसम विभाग के मामलों के एक्सपर्ट डा. दलजीत ¨सह ने कहा कि पश्चिमी चक्रवात के दिसंबर के पहले सप्ताह में गड़बड़ी होने की वजह से बारिश होने के आसार है। एक घंटे की बारिश तेजाबी होगी। बारिश होने के बाद आसमान साफ होगा। स्माग से लोगों को निजात मिलेगी। उधर डाक्टरों की माने तो तेजाबी बारिश के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए। इससे चमड़ी व आंखों में लालीपन, एलर्जी व अन्य रोग हो सकते हैं। बालों को भी नुकसान पहुंच सकता है। 15 दिन से वातावरण में फैले केमिकल युक्त विषैले कण व धूल के चलते एलर्जी सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं। बारिश के बाद इनमें कमी आएगी। ------ अस्पताल में मरीजों की गिनती बढ़ी सिविल अस्पताल व प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में मरीज पहुंच रहे है। सिविल अस्पताल में सूखी खांसी, चेस्ट इंफेक्शन, लंग इंफेक्शन, सांस लेने व आंखों संबंधी बीमारियों के केसों की संख्या दोगुणा बढ़ गई है। --------- स्माग का कहर : हवा में घुला हुआ है केमिकल, धुंआ व धूल एक माह से बारिश न होने की वजह से पराली जलने से उठने वाले प्रदूषित धुएं में मिक्स कण, इसके बाद दीपावली पर चले पटाखे के अलावा वाहनों से निकलने वाला धुएं की वजह से हवा में प्रदूषित करण अटके हुए है। सर्दी के मौसम में अभी तक कोहरा व बारिश न होने की वजह से हवा में सल्फर डाइआक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, कार्बन डाइक्साइड, नाइट्रोजन, सल्फर, लेड, क्रोमियम, कोबाल्ट, सरकरी, मैगनीशियम जैसी प्रदूषित गैसें घुल चुकी है। पराली जलने से 70 फीसद कार्बनडाइक्साइड, सात फीसद कार्बन मोनोक्साइड, 0.66 मिथेन, 2.09 फीसद नाइट्रेट आक्साइड गैसें निकल कर हवा में घुल चुकी है। ---- बारिश में बरतनी होगी सावधानी -बारिश एक घंटा तक पड़ने के बाद ही घर से बाहर निकल सकते है -बारिश त्वचा व बालों को नुकसान पहुंचा सकती है। खारिश की समस्या हो सकती है। खारिश लालीपन का रूप धारण कर सकती है। -आंखों में प्रदूषित वाली बारिश की बूंदे पड़ने से एलर्जी हो सकती है। -पक्षियों की आंखों को भी नुकसान हो सकता है ------- शर्मा आई क्लीनिक के डा. अशोक शर्मा ने कहा कि तेजाबी बारिश से गिरने वाली बूंदे आंखों में एलर्जी या फिर लालीपन कर सकती है। प्रदूषित हुए वातावरण से आंखों की समस्या से जूझ रहे है। आंखों में लालीपन व पानी आने के नए मरीज आ रहे है। ---- जालंधर में 26 नवंबर तक पराली जलने के इतने मामले भोगपुर 46 आदमपुर 63 जालंधर ईस्ट 47 जालंधर वेस्ट 57 फिल्लौर 332 रुड़का कला 312 नूरमहल 507 नकोदर 311 महितपुर 232 शाहकोट 357 लोहिया खास 291 कुल 2555