सवा छह करोड़ खर्च करने के बावजूद दुर्घटना संभावित क्षेत्र में पार्किंग, रेलवे स्टेशन पार्किंग से प्लेटफार्म तक पहुंचने को रोड करना पड़ रहा क्रॉस

जालंधर के सिटी रेलवे स्टेशन को स्मार्ट लुक देने के लिए सवा छह करोड़ पर खर्च कर देने के बावजूद भी लोगों को पार्किंग एरिया से निकलकर प्लेटफार्म पहुंचने के लिए दुर्घटना संभावित रोड को क्रॉस करना पड़ रहा है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:18 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:18 AM (IST)
सवा छह करोड़ खर्च करने के बावजूद दुर्घटना संभावित क्षेत्र में पार्किंग, रेलवे स्टेशन पार्किंग से प्लेटफार्म तक पहुंचने को रोड करना पड़ रहा क्रॉस
सवा छह लाख रुपए खर्च कर बनी जालंधर रेलवे स्टेशन की पार्किंग।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। महानगर के सिटी रेलवे स्टेशन को स्मार्ट लुक देने के लिए सवा छह करोड़ पर खर्च कर देने के बावजूद भी लोगों को पार्किंग एरिया से निकलकर प्लेटफार्म पहुंचने के लिए दुर्घटना संभावित रोड को क्रॉस करना पड़ रहा है। सिटी रेलवे स्टेशन को स्मार्ट लुक देने के लिए सर्कुलेटिंग एरिया को फिर से डिजाइन किया गया था, जिसमें पार्किंग एरिया दोमोरिया पुल से लाडोवली रोड होते हुए नेहरू गार्डन की तरफ जा रही रोड के अगली तरफ कर दिया गया। अब अगर कोई यात्री सिटी रेलवे स्टेशन पार्किंग एरिया में अपना वाहन खड़ा करता है और उसके बाद उसे प्लेटफार्म पर जाना होता है तो संबंधित यात्री को अपना सामान उठाकर पहले अप और डाउन की दोनों रोड को क्रॉस करना पड़ता है और उसके बाद ही सिटी रेलवे स्टेशन की तरफ आगे बढ़ा जा सकता है।

सिटी रेलवे और पार्किंग एरिया के मध्य से निकल रहे रोड पर हर समय भारी यातायात रहता है। भारी ट्रकों, बसों समेत कॉमर्शियल वाहनों एवं छोटे वाहनों का आवागमन दिन के अधिकतर समय में और रात के समय में भी होता है। सिटी रेलवे स्टेशन से शहर की तरफ आ रहे शंकर रोड के दाएं तरफ मंडी फैंटनगंज भी मौजूद है, जहां पर सामान ला रहे कॉमर्शियल वाहन अक्सर इस रोड से निकलते हुए देखे जा सकते हैं।

इलाका निवासी शाम विज ने कहा कि आए दिन पार्किंग एरिया से निकलकर रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहे यात्री छोटे-मोटे वाहनों के साथ टकराते रहते हैं। गनीमत है कि अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह एक बड़ी समस्या है। वाहनों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है रोड घुमावदार है और सामान उठाकर निकल रहे यात्री के लिए तो यह भारी खतरा है। रेलवे की तरफ से तो कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं और मौके पर तैनात ट्रैफिक पुलिस भी मात्र वाहनों को दिशा ही दिखा सकती है।

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