रेलवे के इंक्वायरी नंबर 139 पर जानकारी लेने की प्रक्रिया पेचीदा, समय पर अपडेट न मिलने से यात्री परेशान

सेंट्रलाइज्ड इंक्वायरी नंबर पर प्रक्रिया इस कदर पेचीदा बनाई गई है कि किसी कम पढ़े लिखे या बुजुर्ग यात्री के लिए जानकारी लेना हर्गिज आसान नहीं है। यात्री के आधे घंटे तक जुटे रहने के बाद भी उचित जानकारी नहीं मिल पाती है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:49 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:49 AM (IST)
रेलवे के इंक्वायरी नंबर 139 पर जानकारी लेने की प्रक्रिया पेचीदा, समय पर अपडेट न मिलने से यात्री परेशान
रेलवे के इंक्वायरी नंबर पर लंबे इंतजार के बाद भी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। सांकेतिक चित्र।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। पहले भाषा का चयन करें। ट्रेन नंबर बताएं। जानकारी की किस्म के बारे में बताएं। एग्जीक्यूटिव से बात करने की इच्छा बताएं और फिर कंप्यूटर की तरफ से पूछे जाने वाले प्रत्येक सवाल के जवाब पर डिजिट दबाते चले जाएं। उसके बाद लंबा इंतजार और लाइन पर बने रहने के निर्देश। बावजूद समय पर जानकारी मिलने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। रेलवे के सेंट्रलाइज्ड इंक्वायरी नंबर से जानकारी लेने के लिए यात्री भारी परेशान हो रहे हैं। रेलवे की तरफ से सेंट्रलाइज्ड इंक्वायरी का नंबर 139 रखा गया है, लेकिन इस नंबर से यात्रियों का आसानी से जानकारी नहीं मिल पा रही है। हालात यह होते हैं कि किसी ट्रेन के आगमन के संबंध में अगर स्टेशन से सेंट्रलाइज इंक्वायरी से जानकारी लेने के लिए कोई डायल करता है तो जानकारी मिलने तक ट्रेन छूटने की नौबत आ जाती है। 

सेंट्रलाइज्ड इंक्वायरी नंबर पर प्रक्रिया इस कदर पेचीदा बनाई गई है कि किसी कम पढ़े लिखे या बुजुर्ग यात्री के लिए जानकारी लेना हर्गिज आसान नहीं है। हालांकि इससे पहले संबंधित रेलवे स्टेशन के ऊपर ही इंक्वायरी का नंबर रहता था, जिस पर डायल करने पर इंक्वायरी ऑफिस में तैनात रेलवे का अधिकारी फोन उठाता था और यात्री को संबंधित जानकारी तत्काल देता था। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाली ट्रेन की आगमन एवं रवाना होने की विस्तृत एवं सटीक जानकारी उपलब्ध रहती थी।

यात्री ने कहा, नाकाम है इंक्वायरी सेवा

139 पर डायल कर ट्रेन की जानकारी लेने में नाकाम रहे मनमीत गुप्ता ने कहा कि आधा घंटा परेशान होने के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली। फोन कई बार मिलाना पड़ा और एग्जीक्यूटिव से बात ही नहीं हो पाई। आखिरकार रेलवे स्टेशन पर जाकर भटकना पड़ा और फिर जानकारी लेनी पड़ी।

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