मखदूमपुरा में टीएस इंटरप्राइजेज पर रेड, 159 पासपोर्ट जब्त, ट्रैवल एजेंट फरार

लाइसेंस खत्म होने के बावजूद मखदूमपुरा मोहल्ले में पौने दो साल से टीएस इंटरप्राइजेज अवैध धंधा चला रहा था।

By Edited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 02:10 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 02:59 PM (IST)
मखदूमपुरा में टीएस इंटरप्राइजेज पर रेड, 159 पासपोर्ट जब्त, ट्रैवल एजेंट फरार
मखदूमपुरा में टीएस इंटरप्राइजेज पर रेड, 159 पासपोर्ट जब्त, ट्रैवल एजेंट फरार

जालंधर, जेएनएन। लाइसेंस खत्म होने के बावजूद मखदूमपुरा मोहल्ले में पौने दो साल से टीएस इंटरप्राइजेज के नाम से ट्रैवल एजेंसी चला ठगी का धंधा चल रहा था। बुधवार को पुलिस ने रेड की तो इसकी पोल खुली। पुलिस ने यहां छापामारी कर 159 पासपोर्ट, चार मोबाइल, दो लैपटॉप भी जब्त किए हैं। हालांकि इसका मालिक ट्रैवल एजेंट तरलोचन सिंह पुत्र दरबारा सिंह निवासी शेर सिंह कॉलोनी (बस्ती बावा खेल) फरार होने में कामयाब रहा।

बुधवार देर शाम डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर बलकार सिंह ने एडीसीपी इंवेस्टिगेशन गुरमीत सिंह किंगरा के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। डीसीपी ने बताया कि बुधवार को जब पुलिस ने टीएस इंटरप्राइजेज में छापामारी की और इसका लाइसेंस चेक किया तो वह 31 मार्च 2017 को ही खत्म हो चुका था। इसका पता चलने पर पुलिस ने वहां तलाशी ली और वहां से पासपोर्ट व अन्य सामान जब्त कर लिया। अब इन पासपोर्ट की भी जांच की जा रही है कि वह असली हैं या नहीं। इनमें कई पासपोर्ट ऐसे हैं, जो एक्सपायर हो चुके हैं, इसके बावजूद इनका ट्रैवल एजेंट के दफ्तर में मिलना कई शक खड़े कर रहा है।

डीसीपी बलकार सिंह ने कहा कि जिनके पासपोर्ट भी यहां से मिले हैं, उन्हें वापस लौटा दिए जाएंगे। फरार हुए ट्रैवल एजेंट के खिलाफ थाना डिवीजन चार में धोखाधड़ी और पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट 2014 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके दफ्तर में काम कर रहे कर्मचारी भी अभी जांच के दायरे में रहेंगे और पूरी ठगी के बारे में उनसे भी पूछताछ की जाएगी। फिलहाल उनको इस केस में शामिल नहीं किया गया है।

चार टीमों ने मजिस्ट्रेट के साथ की रेड

डीसीपी बलकार सिंह ने बताया कि ट्रैवल एजेंटों की जांच के लिए चार टीमें बनाई गई थीं। यह टीमें एसीपी सेंट्रल हरसिमरत सिंह, एसीपी निर्मल सिंह व थाना चार के एसएचओ कमलजीत सिंह की अगुवाई में बनाई गई थीं। छापामारी से पहले जिला प्रशासन से भी मजिस्ट्रेट साथ लिया गया था ताकि इनके ट्रैवल एजेंसी चलाने के लाइसेंस की जांच हो सके। इसके बाद इन टीमों ने जांच शुरू की।

सात ट्रैवल एजेंटों की थी खुफिया सूचना

छापामारी के लिए पुलिस के पास सात ऐसे ट्रैवल एजेंटों की सूचना थी, जिनके लाइसेंस व कारगुजारी पर संदेह था। यह ट्रैवल एजेंट एजीआई बिल्डिंग, अरोड़ा टावर, गढ़ा रोड व अन्य जगहों पर थे। चेकिंग के दौरान गढ़ा रोड पर सन्नी ट्रैवल्स ऐसी महिला के नाम पर था, जिसकी मौत हो चुकी है। हालांकि जांच के वक्त यह ट्रैवल एजेंसी बंद मिली। एडीसीपी गुरमीत किंगरा ने बताया कि बाकी ट्रैवल एजेंटों का रिकॉर्ड सही पाया गया, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। डीसीपी बलकार सिंह ने कहा कि आने वाले समय में भी शहर में काम कर रहे सभी ट्रैवल एजेंटों के लाइसेंस की जांच की जाएगी।

जिले में 1002 रजिस्टर्ड ट्रैवल एजेंट, यहां देखें सूची

जिला प्रशासन की तरफ से पूरे जिले में 1002 ट्रैवल एजेंटों को रजिस्टर्ड किया गया है। इसकी लिस्ट जिला प्रशासन की वेबसाइट जालंधर डॉट एनआइसी डॉट इन पर डॉक्यूमेंट की ऑप्शन में देखी जा सकती है। इसमें ट्रैवल एजेंटों के नाम, पते व नंबरों के साथ उनकी फोटो भी दी गई है ताकि कोई फर्जीवाड़ा न कर सके। यह ट्रैवल एजेंट प्रिवेंशन ऑफ ह्यूमन स्मगलिंग एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हैं।

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