छुट्टी के लिए 20 घंटे में 900 किमी बस चला यात्रियों की जान जोखिम में डालता है रोडवेज स्टाफ

जालंधर से ही दिल्ली का एक तरफ का फासला करीब 375 किलोमीटर है। ऐसे में नींद से उंघता हुआ स्टाफ 20 घंटे में ही 900 किलोमीटर तक बस चला डालता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 10:45 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 08:09 AM (IST)
छुट्टी के लिए 20 घंटे में 900 किमी बस चला यात्रियों की जान जोखिम में डालता है रोडवेज स्टाफ
छुट्टी के लिए 20 घंटे में 900 किमी बस चला यात्रियों की जान जोखिम में डालता है रोडवेज स्टाफ

जालंधर, जेएनएन। एक अवैध छुट्टी के लिए पंजाब रोडवेज का स्टाफ रोजाना सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में डाल रहा है। पंजाब रोडवेज के अधिकतर शहरों से दिल्ली जाने वाली बसों का स्टाफ आराम के लिए निर्धारित समय से पहले ही तत्काल दिल्ली से वापसी कर लेता है। अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, फिरोजपुर आदि ऐसे कई स्टेशन हैं, जहां से दिल्ली की दूरी 450 किलोमीटर से भी ज्यादा है। जालंधर से ही दिल्ली का एक तरफ का फासला करीब 375 किलोमीटर है। ऐसे में नींद से उंघता हुआ स्टाफ 20 घंटे में ही 900 किलोमीटर तक बस चला डालता है।
 

एक ही दिन लगातार ड्राइविंग कर अगले दिन छुट्टी कर लेता है स्टाफ

सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में डालने की वजह स्टाफ को मिलने वाली एक अदद फरलो ही है। प्रबंधन की ओर से जिस दिन बस को दिल्ली के लिए रवाना किया जाता है, उस दिन न्यूनतम 8 घंटे आराम करने के बाद दूसरे दिन सुबह बस को दिल्ली से पंजाब के लिए रवाना होना होता है। सरकारी बसों का स्टाफ एक अवैध छुट्टी की चाहत में दिल्ली में नहीं रुकता है और तत्काल वापसी कर लेता है और अगले दिन छुट्टी कर लेता है। अगर पंजाब से सुबह चली बस शाम को दिल्ली पहुंचती है तो शाम को ही वापसी कर लेती है और आधी रात या अलसुबह तक बस डिपो में पहुंच जाती है।
 

रोडवेज प्रबंधन की आंखों में झोंकी जाती है धूल

आधी रात को ही दिल्ली से वापस लौटने पर कागजों में बस की यार्ड में इंट्री नहीं दिखाई जाती। बस डिपो में खड़ी हो जाती है और स्टाफ उस दिन छुट्टी मनाने निकल जाता है। दूसरे दिन वापस लौटने पर पिछली तारीख में बस की इंट्री दिखा दी जाती है।
 

अमृतसर डिपो की बस हो चुकी है हादसे का शिकार

कुछ साल पहले रात को दिल्ली से लौट रही अमृतसर डिपो की एक बस सरहिंद नहर में जा गिरी थी। रात होने के कारण किसी को इसका पता नहीं लगा और बस बहती हुई नहर में कई किलोमीटर दूर निकल गई थी। इस हादसे में ड्राइवर-कंडक्टर समेत कई यात्रियों की जान चली गई थी। इसके अलावा रात में रोडवेज की बसों के छोटे-मोटे हादसे भी होते रहते हैं, जिन्हें रिकॉर्ड में न दिखाकर उसे बाहर से ही रिपेयर करवा लिया जाता है।

नींद न लेने से प्रभावित होती है सतर्कता: डॉ. अभिषेक

डॉ. अभिषेक गुप्ता ने कहा कि 24 घंटे में कम से कम आठ घंटे अच्छी नींद ना लेने से शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे मानसिक सतर्कता भी बुरी तरह प्रभावित होती है। बिना नींद लिए ड्राइविंग करना बेहद खतरनाक है। 20-20 घंटे लगातार बस चलाना तो बड़े हादसे की वजह बन सकता है।

चेकिंग के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई: मिन्हास
 

पंजाब रोडवेज के जनरल मैनेजर परनीत सिंह मिन्हास ने बताया कि दिल्ली में बिना आराम किए ही वापस लौटना नियमों का घोर उल्लंघन है। इससे तो यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है। इसकी तत्काल चेकिंग करवाई जाएगी। जो स्टाफ सदस्य ऐसा करता पाया गया, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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