पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स की हड़ताल 28 तक स्थगित, सरकार का वेतन बढ़ोतरी के साथ पक्का करने का आश्वासन

पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने मंगलवार को हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। पंजाब सरकार ने 28 सितंबर तक मुलाजिमों को पक्का करने और वेतन बढ़ोतरी का भरोसा दिया है। यूनियन ने कहा अगर मांगें पूरी नहीं की गईं तो 29 सितंबर से दोबारा हड़ताल करेंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 05:34 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 08:07 PM (IST)
पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स की हड़ताल 28 तक स्थगित, सरकार का वेतन बढ़ोतरी के साथ पक्का करने का आश्वासन
पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। सांकेतिक चित्र।

जासं, जालंधर। पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने अपनी हड़ताल 28 सितंबर तक स्थगति कर दी है। यूनियन ने यह कदम पंजाब सरकार के आश्वासन पर उठाया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में यूनियन सदस्यों के साथ बातजीत के बाद पंजाब सरकार ने 28 सितंबर तक मुलाजिमों को पक्का करने और वेतन बढ़ोतरी का भरोसा दिया है। यूनियन सदस्यों ने कहा अगर 28 सितंबर तक ऐसा नहीं हुआ तो 29 सितंबर से दोबारा हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। 

मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक के दौरान सरकार की तरफ से कांट्रेक्ट मुलाजिम यूनियन को आश्वासन दिया गया है कि उनके वेतन में 30 फीसद की बढ़ोतरी कर दी गई है। मुलाजिमों के वेतन में प्रत्येक पांच वर्ष में बढ़ोतरी भी की जाएगी। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि कांट्रेक्ट मुलाजिमों को पक्का करने के लिए आगामी एक सप्ताह में फैसला ले लिया जाएगा। उससे पहले तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने कहा कि सरकार की तरफ से एक सप्ताह का समय मांगा गया था लेकिन यूनियन ने दो सप्ताह का समय दे दिया है। अगर 29 सितंबर तक सरकार अपने वादे को पूरा नहीं करती है तो फिर प्रदेश में सरकारी बसों का चक्का जाम कर दिया जाएगा।

छह सितंबर से हड़ताल पर थे कांट्रेक्ट वर्कर्स

पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के सदस्य पिछले 6 सितंबर से हड़ताल पर थे। इस कारण करीब 7400 कांट्रेक्ट मुलाजिम धरने पर बैठ गए थे और बसें नहीं चला रहे थे। इस हड़ताल की वजह से पंजाब रोडवेज के 18 और पीआरटीसी के 9 डिपो की अधिकतर बसें खड़ी हो गई थी। रेगुलर मुलाजिमों के सहारे ही कुछेक बसों का संचालन किया जा रहा था। सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को जाने वाली लांग रूट की बसों को चलाने में आ रही थी।  

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