Punjab Roadways Workers Protest: कांट्रेक्ट कर्मचारियों का दो घंटे धरना, 12 बजे तक प्रभावित रहा बसों का संचालन
पंजाब रोडवेज पनबस एवं पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन की तरफ से 2 घंटे के लिए जालंधर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल को बंद कर दिया गया है। सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक बस स्टैंड के गेट बंद रखे गए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब में हुई राजनीतिक उठापटक के बाद नए बने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपनी मांगों का एहसास करवाने के लिए पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन की तरफ से 2 घंटे के लिए जालंधर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल को बंद कर दिया। सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक बस स्टैंड के गेट बंद रखे। हालांकि 12 बजे के बाद सभी द्वारों को खोल दिया गया है। बस स्टैंड बंद होने की वजह से आसपास के इलाके में बसों का भारी जमावड़ा हो गया था और ट्रैफिक जाम लग गया। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। कई बसें भी बस स्टैंड के भीतर प्रवेश कर गई हैं। थोड़ी ही देर में बसें गंतव्य को रवाना होना शुरू हो जाएंगी।
बस स्टैंड के आसपास जमा हुईं बसें, यात्री परेशान
इससे पहले, बस स्टैंड बंद कर दिए जाने के चलते बस स्टैंड परिसर के आसपास भारी संख्या में बसों का जमावड़ा हो गया है। बस स्टैंड के बाहर से ही बसों को गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा है लेकिन यात्रियों को बस ढूंढ़ने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। यात्रियों को यह नहीं पता चल पाया कि किस स्टेशन की बस कहां से मिलेगी। बस स्टैंड फ्लाईओवर के ऊपर बसों की कतार लग जाने के चलते यात्री पैदल ही उतर कर अपने सामान समेत बस स्टैंड तक आ रहे हैं।
सरकार ने 28 सितंबर तक पक्का करने का दिया था आश्वासन
इससे पहले छह सिंतबर को कांट्रेक्ट वर्कर्स ने पूरे पंजाब में हड़ताल कर दी थी। इस दौरान करीब 2000 बसों का संचालन प्रभावित हुआ था। सबसे ज्यादा असर लंबे रूट की बसों पर पड़ा था। पंजाब से दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के लिए सरकारी बसों की किल्लत हो गई थी।
शुक्रवार को जालंधर के बस स्टैंड पर प्रदर्शन करते हुए पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के अनुबंधित कर्मचारी।
9 दिन तक चले चक्का जाम के बाद सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि 28 सितंबर से पहले-पहले कांट्रेक्ट मुलाजिमों को पक्का कर दिया जाएगा। यूनियन को अब ऐसा लगना शुरू हो गया है कि नया मंत्रिमंडल उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं देगा। इस वजह से बस स्टैंड बंद करना जरूरी है।