संकट : निजी बस कंपनियों का नहीं मिलेगा कोई खरीदार, संचालक बोले- तालाबंदी से बचाव मुश्किल

पहले लॉकडाउन उसके बाद डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और अब सरकारी बसों में महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा देने के बाद निजी बस ऑपरेटर कंपनियों की तालाबंदी बेहद नजदीक बता रहे हैं। उन्होंने सरकार से राहत देने की मांग की है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 11:40 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 11:40 AM (IST)
संकट : निजी बस कंपनियों का नहीं मिलेगा कोई खरीदार, संचालक बोले- तालाबंदी से बचाव मुश्किल
भारी आर्थिक तंगी के कारण पंजाब की निजी बस कंपनियां तालाबंदी की ओर बढ़ रही हैं।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। भारी आर्थिक तंगी के चलते तालाबंदी की तरफ बढ़ रही निजी बस कंपनियों का कोई खरीदार मिल पाना भी भारी चुनौती दिखाई दे रहा है। पहले लॉकडाउन, उसके बाद डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और अब सरकारी बसों में महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा देने के बाद निजी बस ऑपरेटर कंपनियों की तालाबंदी बेहद नजदीक बता रहे हैं। व्यापार को बंद कर देने की योजना बना रहे निजी बस कंपनी संचालकों के आगे चुनौती इस बात की भी है कि उनकी कंपनियों का खरीदार भी ढूंढ पाना आसान काम नहीं होगा। लंबे अरसे से निजी बस ऑपरेशन का व्यवसाय घाटे की तरफ चल रहा था। अब हालात यह हो गए हैं कि बड़ी बस कंपनियों के संचालक भी अब व्यवसाय को चला पाने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।

व्यवसाय घाटे में हैं और सभी इस बात से अवगत भी हैं कि लाखों रुपये की बसें खरीदने के बावजूद भी उसका खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे हालातों में निजी बस कंपनियां अगर अपनी बसें बेचने की कोशिश करेंगी तो उन्हें खरीदने वाला भी कोई नहीं होगा। मौजूदा समय में एक बस की फेब्रिकेशन समेत कुल कीमत 22 लाख के लगभग है। बस का बीमा करवाना पड़ता है और सरकार को संचालन के लिए प्रति किलोमीटर स्पेशल रोड टैक्स भी प्रदान करना पड़ता है। इसके अलावा निजी हाथों में सौंपे जा चुके बस स्टैंड से निकलने के दौरान अड्डा फीस देनी पड़ती है और टोल अदायगी  भी करनी पड़ती है, जो फिलहाल पंजाब में तो बंद ही है।

मिनी बस बचाओ एक्शन कमेटी के जनैरल सिंह गढ़दीवाला ने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों को व्यवसाय बंद कर देना भी आसान नहीं होगा। लाखों रुपये की एक बस आती है। अब समस्या यह है कि इन पुरानी बसों को खरीदने वाला भी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब भी मौका है। अगर पंजाब सरकार निजी बस ऑपरेटरों को राहत प्रदान करे तो इस व्यवसाय को बंद होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के पास खुद इतनी सरकारी बसें नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध कराई जा सकें। इस वजह से निजी बस कंपनियां बंद हो जाने के चलते लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी।

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