Punjab Pollution: दीवाली के बाद जालंधर में पराली जलाने के मामले बढ़े, फिल्लौर और शाहकोट में सबसे ज्यादा, FIR एक भी नहीं
जालंधर प्रशासन ने इस साल एक भी किसान पर एफआइआर नहीं की। जुर्माना लगाकर वह ड्यूटी पूरी कर रहा है। नतीजा जालंधर की आबो-हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। नवंबर के बाद से एयर क्वालिटी इंडेक्स (Jalandhar AQI) 200 से अधिक चल रहा है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। धान की कटाई के बाद गेहूं व आलू की बिजाई के खेत तैयार करने के लिए किसान खेत में ही पराली जला रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी वे लोगों के स्वास्थ्य और अपने खेत की उर्वरा शक्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। राज्य सरकार व सामाजिक संगठनों ने किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए, कई स्कीमें दी, सख्ती भी की लेकिन पराली जलने के मामले कम होने के बजाय बढ़ते गए। दो साल में यह मामले 157 फीसद बढ़कर 2384 पहुंच गए। प्रशासन ने इस साल एक भी किसान पर एफआइआर नहीं की। जुर्माना लगाकर वह ड्यूटी पूरी कर रहा है। नतीजा जालंधर की आबो-हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। नवंबर के बाद से एयर क्वालिटी इंडेक्स (Jalandhar AQI) 200 से अधिक चल रहा है। मंगलवार को भी यह 250 पार कर गया। जिला प्रशासन ने 14 नवंबर तक पराली को आग लगाने के 676 मामलों में 16.90 लाख का जुर्माना किसानों को लगा है।
कहां गए, जीओजी, पटवारी
जिला प्रशासन ने पराली जलने से रोकने के लिए हर गांव में एक जीओजी, पटवारी, व विभिन्न के कर्मचारी तैनात किए थे। पंचायतों की भी ड्यूटी लगाई थी। उसके बावजूद हालात नहीं बदले।
पराली निस्तारण के लिए जिले में छह हजार उपकरण
कृषि अधिकारी डा. नरेश गुलाटी ने बताया कि जिले में 1200 किसान ग्रुप है। उनके पास पराली निस्तारण के छह हजार के करीब उपकरण है। सहकारी सोसायटियों के पास रोटावेटर 225, आरएमएस प्लो 157, सुपर सीडर 83, जीरो टिलडिल 128 व लेजर लेवलर 44 है।
तीस प्रतिशत मरीज बढ़े
जिला टीबी अधिकारी डा. राजीव शर्मा ने बताया कि पराली की आग से अस्थमा, खांसी, एलर्जी व आंखों में जलन के मामले 30 फीसदी बढ़ गए है। देहात में मरीजों की संख्या अधिक है। शहर के लोग भी इससे अछूते नहीं।
एसडीएम व पुलिस ने कई जगह बुझाई आग
मंगलवार को एसडीएम के नेतृत्व में पुलिस व दमकल विभाग की टीमों ने विभिन्न गांवों का दौरा किया। कई जगह आग बुझाई गई। शाहकोट के एसडीएम लाल विश्वास के नेतृत्व में गांव कोहाड़ कलां और गांव माणकपुर में तीन जगह आग बुझाई गई। माणकपुर में भी आग बुझाई गई। नकोदर के एसडीएम पूनम सिंह के नेतृत्व में गांव सिंधार और परजीयां में दो जागरूकता कैंप लगाए गए।