पहलः अकेले रह रहे बुजुर्गों का हालचाल पूछेगी पुलिस, थाने में मिलेगी विशेष सुविधा
पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन डायरेक्टर ने पत्र भेजा है। इसमें पुलिस को सामाजिक सुरक्षा विभाग से गाइडलाइंस भी लेनी होंगी ताकि बुजुर्गों को किसी किस्म की परेशानी न हो।
जालंधर [ मनीष शर्मा]। बच्चों के विदेश जाने या अलग होने की वजह से अकेले रह रहे बुजुर्गों की सुरक्षा का जिम्मा अब पुलिस उठाएगी। पुलिस न केवल नियमित तौर पर उनका हालचाल पूछेगी बल्कि उनके लिए थाने में विशेष सुविधा भी देगी। इसके लिए अलग से कम्युनिटी पुलिस का विंग बनेगा। जो बुजुर्गों से तालमेल रखेंगे। यही नहीं, बुजुर्गों के यहां काम करने वाले नौकरों के बारे में भी पुलिस खुद जाकर जानकारी जुटाएगी। पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन डायरेक्टर ने इस संबंध में पत्र भेजकर इंतजाम करने को कहा है। इसके लिए उन्हें सामाजिक सुरक्षा विभाग से भी सीनियर सिटीजंस को लेकर तय गाइडलाइंस के बारे में जानकारी लेने को कहा गया है ताकि बुजुर्गों को किसी किस्म की परेशानी न हो।
डीसीपी (हेडक्वार्टर) अरूण सैनी ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि ये इंतजाम करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसमें सीनियर सिटीजंस के लिए अलग से किसी अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी ताकि जरूरत के वक्त वो तुरंत उनकी मदद के लिए उपलब्ध हो सके।
इन दो तरीकों से होगा काम
1. इलाका अफसर लगाएंगे चक्कर
पुलिस थाने अपने इलाके में रहने वाले सीनियर सिटीजंस यानि बुजुर्गों की सूची तैयार करेंगे। फिर उनके घर जाकर हालचाल पूछेंगे। उनका ब्योरा लेने के बाद जिस भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी के पास वो इलाका है, वो नियमित तौर पर उनके आसपास खास निगरानी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो उनसे मिलकर भी आएंगे। अगर उन्हें किसी तरह की मदद की जरूरत पड़ती है तो थाने के स्तर पर एक कम्युनिटी पुलिस अफसर उनके संपर्क में रहेगा।
2. नौकरों की वेरीफिकेशन
सभी पुलिस थाने अपने एरिया में जांच करेंगे कि किस-किस सीनियर सिटीजन यानि बुजुर्ग के घर में नौकर रखे हुए हैं। अभी तक पुलिस लोगों से ही अपील करती है कि नौकरों का पुलिस वेरीफिकेशन कराएं। कुछ लोग कराते हैं, कुछ नहीं कराते। इस पर पुलिस के स्तर पर ज्यादा सख्ती नहीं होती। हालांकि अब बुजुर्गों के यहां रखे घरेलू नौकरों की पुलिस अनिवार्य वेरीफिकेशन करेगी ताकि अगर कल को कोई आपराधिक घटना होती है तो उसे धरा जा सके। इससे नौकरों में भी पुलिस का डर रहेगा।
इसलिए उठाया कदम
ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की मानें तो पंजाब में ऐसे कई बुजुर्ग हैं, जिनके बच्चे बाहर रहते हैं या फिर उनसे अलग हो गए हैं। उम्र के इस पड़ाव में उनकी सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। उचित देखरेख में कई बार बुजुर्ग बीमार होता है या उनकी मौत हो जाती है और इसका पता तब चलता है जब घर से कई दिन बाद बदबू आती है। ऐसे में अगर पुलिस नियमित तौर पर वहां आती-जाती रहेगी तो उनके बारे में जानकारी मिलती रहेगी। दूसरा सबसे बड़ा कारण नौकरों द्वारा किया जाने वाला अपराध है। इसमें अकेले रहते बुजुर्गों से लूट, चोरी व हत्या तक के मामले सामने आ चुके हैं। अक्सर नौकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और उसका कोई रिकॉर्ड न होने की वजह से न जांच हो पाती है और न ही ऐसे अपराधी नौकर पकड़े जाते हैं। अब पुलिस के पास वेरीफिकेशन के तौर पर उसके तमाम दस्तावेज रहेंगे तो उसे पकडऩे में भी पुलिस को आसानी रहेगी।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें