'काला चश्मा' गाना लिखने वाले कांस्टेबल अमरीक सिंह रिलीज करेंगे 150 गीतों से भरी किताब, एक गाने को बालीवुड रैपर बादशाद देंगे आवाज

पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल व काला चश्मा गाने से सुर्खियां बटोरने वाले अमरीक सिंह अब अपनी गीतों की किताब से पंजाबियों में अलख जगाने की कवायद में जुटे हैं। पंजाब के ज्वलंत मुद्दों को उठाने वाले गीतों से भरी इस किताब को लेकर अमरीक काफी उत्साहित हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 12:54 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 01:21 PM (IST)
'काला चश्मा' गाना लिखने वाले कांस्टेबल अमरीक सिंह रिलीज करेंगे 150 गीतों से भरी किताब, एक गाने को बालीवुड रैपर बादशाद देंगे आवाज
पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह। (फाइल फोटो)

प्रियंका सिंह, जालंधर। सूबे में नशे व प्रदूषण जैसी समस्या को जड़ से मिटाने के लिए पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल व 'काला चश्मा' गाने से सुर्खियां बटोरने वाले अमरीक सिंह अब अपनी गीतों की किताब से पंजाबियों में अलख जगाने की कवायद में जुटे हैं। पंजाब के ज्वलंत मुद्दों को उठाने वाले गीतों से भरी इस किताब को लेकर अमरीक काफी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि नशा व प्रदूषण जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सरकार सहित तमाम स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, अब इन प्रयासों में उनकी गीतों की किताब 'विरसा पंजाब दा' भी मील का पत्थर साबित होगी। किताब में 150 गीत उनके द्वारा लिखे गए हैं। जिसमें ज्यादातर गीत पंजाबी सभ्याचार, नशा और प्रदूषण पर आधारित है। यह पुस्तक जल्द ही रिलीज की जाएगी। इनका एक और सपना है कि इनके लिखे हुए गीत पंजाबी गायक गुरदास मान जरूर एक बार गाएं।

आठवीं कक्षा से ही उठा ली थी कलम

सुल्तानपुर लोधी के तलवंडी गांव में जन्मे अमरीक सिंह शेरा बचपन से ही बारिश शाह की हीर सुनते थे। उसकी तुकबंदी इनको इतनी पसंद आई कि आठवीं कक्षा से ही खुद लिखना शुरू कर दिया। जब कोई नए गीत रिलीज होते थे, तो उसे अपने शब्दों और अपने अंदाज में लिखा करते थे। पिता सरदार जोगिंदर सिंह और माता सुरजीत कौर के घर में जन्मे अमरीक सिंह के न तो कोई बहुत बड़े शौक थे और न ही कोई सपना। एक गरीब परिवार से होने के कारण वह हमेशा सोचते कि अपने परिवार को इस स्थिति से निकालना है। स्कूल में उनके साथ जितने भी दोस्त पढ़ाई कर रहे थे, सब अमीर घराने से थे। इनके मन में एक अलग जोश और जुनून था कि अगर मेरे दोस्त पैसे वाले हैं तो मैं 1 दिन अपना नाम बनाऊंगा। कुछ ऐसा कर दिखाऊंगा जिससे वह मेरे पास आए और मेरे साथ फोटो खिंचवाएंगे। लिखने के तरफ बढ़ते हुए रुझान को देखते हुए उनके पिता हमेशा उनको डांटते रहते थे कि इसमें कुछ नहीं होगा। इसलिए वह जो भी लिखते थे अपने पिता से छिपाकर लिखते थे।

18 साल की उम्र में उन्होंने पंजाब पुलिस की नौकरी प्राप्त की। यह नौकरी प्राप्त करने का मकसद यही था कि उनका बस में कोई किराया नहीं लगेगा। क्योंकि गीत के संबंध में कलाकारों से मिलने के लिए जाना पड़ता था और उसके लिए पैसे भी खर्च होते थे। अपने लिखे हुए गीतों के कारण आज वह इतने प्रसिद्ध हो गए हैं कि केवल राज्य में ही नहीं बल्कि देश विदेशों में भी उनकी पहचान बन चुकी है। इनके लिखे हुए गीतों की प्रसिद्धि के कारण ही इनकी शादी साल 2000 में मनिंदर कौर के साथ हुई। अभी वह बतौर हेड कॉन्स्टेबल जालंधर में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं और साथ ही गीत लिखने और पुस्तके लिखने का काम भी जारी है।

पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह।

इस तरह काले चश्मे से मिली प्रसिद्धि

जब वह नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे तब उन्हें किसी काम से चंडीगढ़ जाने का मौका मिला। वहां पर उन्होंने 'काले चश्मे' का चलन देखा तो उस पर 1990 में गीत लिख दिया। यह गाना 1991-92 के दरमियान में अमर- अर्शी की आवाज में इंग्लैंड की कंपनी वीआईपी के डार्क एंगल द्वारा रिकॉर्ड करवा लिया गया। उस समय इनके तीन गीत रिकॉर्ड किए गए। काला चश्मा , गवंडी यादव ढोल बाजदा, आजा नी आजा तेनु नचना सिखा दिया। काला चश्मा गीत को प्रसिद्धि तब मिली, जब कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'बार-बार देखो' में इसे फिर से गाया गया। इससे पहले बहुत कम लोग जानते थे कि इस गाने का असली लेखक अमरीक सिंह शेरा हैं।

हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह गीतों की किताब 'विरसा पंजाब दा' रिलीज करने जा रहे हैं।

पुस्तक में लिखे हर गीत में है संदेश

अमरीक सिंह द्वारा 150 गीतों की एक पुस्तक पंजाब दा विरसा तैयार की गई है। उनका कहना है कि आजकल की गीत लोगों के जीवन पर बुरे प्रभाव डाल रहे हैं। इस पुस्तक में जो भी गीत शामिल किए गए हैं वह सब संदेश से भरे हुए हैं। यह गीत किसी भी गायक द्वारा ना तो गाए जाने थे और ना ही लोगों द्वारा उसे समझा जाना थाय़ इसलिए डेढ़ सौ गीतों की लड़ी को पुस्तक का रूप दिया गया। यह सारे गीत पंजाब के मौजूदा हालात जैसे के नशे और प्रदूषण पर आधारित है। इसके साथ ही पंजाबी सभ्याचार को भी बखूबी गीतों के जरिए लोगों में पेश करने की कोशिश की गई है। इस किताब को लिखने का एक ही मकसद है कि पंजाब से नशा और प्रदूषण खत्म किया जाए और लोगों को अपने पर्यावरण और पंजाब के प्रति जागरूक किया जाए।

उनके गीत को बादशाह देंगे आवाज

उनके द्वारा लिखा हुआ गीत आजा नी आजा तेनु नचना सिखा दिया को बहुत जल्द बालीवुड रैपर व सिंगर बादशाह अपनी आवाज में गाने वाले हैं। दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुके अमरिक सिंह अब बहुत जल्द जी पंजाबी चैनल पर दिखने वाले हैं। जहां पर वह ट्रैफिक रूल से संबंधित गीत पेश करेंगे।

एक बार गुरदास मान मेरे गीत गा दे, तो मेरा लिखना सफल हो जाएगा

मैं शुरू से ही पंजाबी गायक गुरदास मान जी को सुनता आ रहा हूं। उनकी आवाज और गाने का सलीका मुझे बेहद पसंद है। मेरी यह दिली तमन्ना और मेरा सपना है कि वह मेरा लिखा हुआ कोई गीत गा दे तो मेरा लिखना सफल हो जाएगा। मुझे पैसों की कोई लालच नहीं है मेरा डिपार्टमेंट मेरे साथ खड़ा है। मेरा यही मकसद है कि अपने गीतों के जरिए लोगों को जागरूक करूं ताकि वह अपने पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए कदम उठाए।

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