पंजाब में रफ्तार को लेकर सरकारी बसों पर लगाम, निजी में नहीं GPS व पैनिक बटन की सुविधा
पंजाब सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कानून मात्र सरकारी बसों पर ही लागू होते नजर आ रहे हैं। तीव्र रफ्तार पर सड़कों पर भाग रही निजी बसों के ऊपर सरकार की तरफ से बनाया जा रहा कोई भी नियम अथवा कानून लागू होता नजर नहीं आ रहा है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। सरकार के आदेश और सरकार की तरफ से बनाए जाने वाले कानून मात्र सरकारी बसों पर ही लागू होते नजर आ रहे हैं। तीव्र रफ्तार पर सड़कों पर भाग रही निजी बसों के ऊपर सरकार की तरफ से बनाया जा रहा कोई भी नियम अथवा कानून लागू होता नजर नहीं आ रहा है।
पंजाब सरकार की तरफ से सरकारी बसों में तो जीपीएस लगवा दिए गए हैं, ताकि बसों की लोकेशन चेक की जा सके। उनकी रफ्तार पर नियंत्रण किया जा सके और यात्रियों की सुविधा के मुताबिक उन्हें तयशुदा स्टेशनों पर ही रोका जा सके। सरकारी बसों में महिला यात्रियों का सफर निशुल्क बनाने के बाद बसों में पैनिक बटन भी लगवा दिए गए हैं, ताकि यात्रा के दौरान अगर महिला यात्री अपने आप के लिए कोई खतरा महसूस करती है तो तुरंत बटन दबा दें। अति शीघ्र किसी अनहोनी की संभावना को खत्म किया जा सके।
यह सारे नियम एवं कानून निजी बसों के ऊपर भी लागू होने बताए गए हैं। इसके विपरीत निजी बसों में न तो अब तक जीपीएस लग पाए हैं, न ही स्पीड पर नियंत्रण करने के लिए यंत्र लगाए जा सके हैं। निजी बस संचालक मनमर्जी कर रहे हैं। यात्री उठाने के लिए अंधाधुंध रफ्तार पर बसें चला रहे हैं और मनमर्जी के स्थानों पर बसों को रोक भी रहे हैं। आए दिन निजी बस ऑपरेटरों की तरफ से यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी सामने आती हैं, लेकिन किसी भी बस में कोई पैनिक बटन नजर नहीं आ रहा। निजी बस ऑपरेटरों की एक करोड़ से ज्यादा महंगी बसें अंधाधुंध रफ्तार पर चल रही हैं और नियमों को दरकिनार कर सरकार को ही चुनौती दे रही हैं। बस की पासिंग के समय स्पीड गवर्नर लगा लिया जाता है और पासिंग होते ही स्पीड गवर्नर को हटा भी लिया जाता है।
इस बारे में पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरेक्टर परनीत सिंह मिन्हास ने कहा कि सभी कानून सरकारी एवं निजी बसों पर एक समान रूप से लागू है। पंजाब रोडवेज सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए नियमों का पालन कर रही है और बसों में जीपीएस एवं पैनिक बटन लगाए गए हैं। निजी बसों को भी ऐसा करना जरूरी है, लेकिन इसके ऊपर कारवाई करने के लिए पंजाब रोडवेज अधिकृत नहीं है। परिवहन विभाग अथवा स्थानीय सचिव आरटीए की तरफ से ही निजी बसों के ऊपर कार्रवाई की जानी है। सचिव, आरटीए बरजिंदर सिंह ने कहा कि समय-समय पर निजी बसों पर कार्रवाई हो रही है और निकट भविष्य में फिर से सख्ती कर सारे निर्धारित मानदंड लागू कराए जाएंगे।