जालंधर में कोरोना के बढ़ते मरीजों से होटल व रेस्तरां प्रबंधकों का सताने लगा नाइट कर्फ्यू का डर
जालंधर में होटल प्रबंधन को डर है कि अगर हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे तो कहीं रात का कफर्यू ना लग जाए। वहीं इस इंडस्ट्री में काम करने वाले भी चिंतित हैं क्योंकि बेरोजगार हुए कर्मचारियों का काम पर लौटना मुश्किल हो जाएगा।
जालंधर [कमल किशोर]। महानगर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे मामलों ने एक बार फिर होटल और रेस्त्रां कारोबारियों की चिंता बढ़ा दी है। होटल प्रबंधन को डर है कि अगर हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे तो कहीं रात का कफर्यू ना लग जाए। वहीं, इस इंडस्ट्री में काम करने वाले भी चिंतित हैं क्योंकि बेरोजगार हुए कर्मचारियों का काम पर लौटना मुश्किल हो जाएगा।
इससे पहले, कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही होटल इंडस्ट्री का कारोबार पटरी पर आना शुरू हो गया है। चालीस प्रतिशत के करीब कारोबार हो रहा था। होटल इंडस्ट्री कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस के अनुसार कार्य कर रही है लेकिन बेहतर कारोबार ना होने की वजह से इंडस्ट्री ने स्टाफ भी चालीस प्रतिशत कम कर दिया है। कोरोना से पहले होटल में 15,000 के करीब कर्मचारी काम करते थे। अब मात्र तीन से चार हजार कर्मी काम कर रहे हैं।
आम दिनों में होटल इंडस्ट्री करती थी पचास से डेढ़ लाख रुपये रोजाना का कारोबार
आम दिनों में होटल व रेस्तरां प्रतिदिन पचास हजार से डेढ़ लाख रुपये तक प्रतिदिन का कारोबार करते थे। अब यह प्रतिदिन बीस से पचास हजार तक सिमट गया है। बता दें कि जिले में 125 होटल-रेस्तरां हैं जो प्रतिवर्ष 220 करोड़ का कारोबार करते हैं। इस बार नववर्ष पर भी होटल व रेस्तरां की तैयारी ना के बराबर थी।
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गांव से लौटे कर्मी, नहीं मिला काम
उतर प्रदेश से लौटे मुरली दास व सुदेश यादव ने कहा कि वे कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से पहले रेस्तरां में काम करते थे। कोरोना मामले बढ़ने से होटल बंद हो गए। काम ना होने की वजह से वे गांव चले गए। अब गांव से वापस आ गए हैं लेकिन किसी रेस्तरां व होटल में काम नहीं मिल रहा है।
होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ जालंधर के चेयरमैन परमजीत सिंह।
होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ जालंधर के चेयरमैन परमजीत सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के मरीज बढ़ रहे हैं। सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि अगर किसी शहर में मरीज बढ़ते हैं तो डीसी रात का कर्फ्यू लगा सकते हैं। अगर दोबारा नाइट कर्फ्यू लगता है तो होटल इंडस्ट्री के कारोबार की कमर टूट जाएगी। कुछ महीने पहले ही कारोबार पटरी पर आना शुरु हुआ है।
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