पंजाब में सरकारी स्कूलों के शिक्षक मनाएंगे अमृत महोत्सव, विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ेंगे

पंजाब में शिक्षक विभिन्न गतिविधियों के जरिये बच्चों को प्राकृतिक संसाधनों (जल) वन और वन्य-जीवों के संरक्षण के बारे में जागरूक करेंगे। महोत्सव के दौरान देश के कोने-कोने में विद्यार्थियों को पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए जोड़ा जाएगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:36 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 11:36 AM (IST)
पंजाब में सरकारी स्कूलों के शिक्षक मनाएंगे अमृत महोत्सव, विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ेंगे
पंजाब में शिक्षक बच्चों को जल, वन और वन्य-जीवों के संरक्षण के बारे में जागरूक करेंगे। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। देश तेजी से आर्थिक तरक्की कर रहा है लेकिन विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है। इसी उद्देश्य से सरकारी स्कूलों में राज्य भर के शिक्षक विद्यार्थियों को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करते हुए नजर आएंगे। शिक्षक विभिन्न गतिविधियों के जरिये बच्चों को प्राकृतिक संसाधनों (जल), वन और वन्य-जीवों के संरक्षण के बारे में जागरूक करेंगे। महोत्सव के दौरान देश के कोने-कोने में विद्यार्थियों को पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए जोड़ा जाएगा। इसके तहत ही स्कूल में हर छोटे बड़े प्रोग्राम व गतिविधियों के साथ उन्हें पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा ताकि वे केवल स्कूल ही नहीं बल्कि उसके बाहर घर, गली व मोहल्ले व समाज में भी इसी तरह जनजाग्रति फैलाने में अपना योगदान दे सकें।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत होने वाले कार्यक्रमों में  सरकारी स्कूलों में कुदरती जल को बचाने के लिए पानी बचाओ मुहिम चलाई जाएगी। विद्यार्थियों को पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग, निबंध, लेख आदि के साथ-साथ स्कूल में भी पानी की एक-एक बूंद को बचाने के टास्क दिए जाएंगे।

इसी तरह से पर्यावरण को बचाने के लिए विद्यार्थियों को पौधे लगाओ पर्यावरण बचाओ के साथ भी जोड़ा जाएगा। वे केवल स्कूल में ही नहीं बल्कि अपने आसपास के क्षेत्रों में भी पौधे लगाकर उनकी संभाल भी करें। जंगल बचाने, पशु-पक्षियों व वन्यजीवों के सरंक्षण प्रति जागरूक करने के लिए भी गतिविधियां करवाई जाएंगी। विद्यार्थियों को समझाया जाएगा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए जंगल और पशु पक्षियों और वन्यजीवों की संभाल क्यों जरूरी है। उन्हें जंगल और वन्य जीव जंतुओं के रहन-सहन और उनके पालन पोषण के संबंध में भी विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधियों के जरिए शिक्षक जागरूक करेंगे। बता दें कि यह अमृत महोत्सव वर्ष 2022 तक करवाया जाना है।

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