कपूरथला में पानी की बचत के लिए ‘माइक्रो इरीगेशन ’ योजना शुरू, किसानों को मिलेगी 80 से 90 प्रतिशत सब्सिडी
भूमि रक्षा जल संभाल बागबानी और तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि फव्वारा और बूंद सिंचाई प्रोजेक्टों के लिए 80 से 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी ताकि धरती के नीचे पानी की बचत की जा सके। यह सब्सिडी पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी।
जागरण संवाददाता, कपूरथला। पंजाब सरकार ने किसानों को पानी की बचत वाली तकनीक अपनाने में सहायता के लिए ‘माइक्रो इरीगेशन’ शुरू की है। इसमें बड़े स्तर पर सब्सिडी दी जा रही है। भूमि रक्षा, जल संभाल, बागबानी और तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि फव्वारा और बूंद सिंचाई प्रोजेक्टों के लिए 80 से 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी ताकि धरती के नीचे पानी की बचत की जा सके। यह सब्सिडी पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भूजल को बचाना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए विधानसभा की गठित समिति ने भी अहम सुझाव दिए हैं। इसके इलावा ‘माइक्रो इरीगेशन ’ योजना के अंतर्गत बड़े स्तर पर सब्सिडी दे कर किसानों को फव्वारा और बूंद सिंचाई प्रणाली के साथ जोड़कर पंजाब के भूजल स्तर को बरकरार रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब के कुल क्षेत्रफल का करीब डेढ़ प्रतिशत ही केवल इस सिंचाई प्रणाली अधीन है। इसको और बढ़ाने के लिए व्यापक योजनाबंदी की जा रही है। राणा ने किसानों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने का न्योता देते हुए कहा कि बूंद सिंचाई तकनीक से कई तरह के लाभ मिलते हैं क्योंकि खादें और कीटनाशक दवाओं आदि को सिंचाई के पानी में मिलाया जा सकता है। उन्हें सीधे फसल के रूट जोन में अप्लाई किया जा सकता है। ‘माइक्रो इरीगेशन’ योजना में आम जमींदारों को 80 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, महिलाओं और छोटे और सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी।