Punjab Covid Guidelines Violation: 50 फीसद यात्री क्षमता के निर्देश नजरअंदाज, प्राइवेट के साथ सरकारी बसों में भी तोड़े जा रहे नियम

50 फीसद यात्रियों के साथ बसों के संचालन संबंधी गाइडलाइन जारी हुए एक सप्ताह से भी ज्यादा बीत चुका है। बावजूद इसके कोई चेकिंग होती नजर नहीं आ रही है। बसों में 50 की सबसे ज्यादा यात्री होने के चलते शारीरिक दूरी की गाइडलाइन भी बेमायने नजर आ रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 04:57 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 04:57 PM (IST)
Punjab Covid Guidelines Violation: 50 फीसद यात्री क्षमता के निर्देश नजरअंदाज, प्राइवेट के साथ सरकारी बसों में भी तोड़े जा रहे नियम
कोविड गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाकर बसों में 50 फीसद से ज्यादा सवारियां बिठाई जा रही हैं। जागरण

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए बसों को केवल 50 फीसद यात्रियों के साथ चलाने की गाइडलाइन सड़कों पर धूल फांकती हुई नजर आ रही है। निजी समेत सरकारी बसों में भी यात्रियों की संख्या के ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दिन में यात्रियों की कमी के बीच सुबह और शाम को जालंधर से सुदूरवर्ती स्टेशनों की तरफ चलने वाली बसों में यात्रियों का 50 फीसद से ज्यादा का रश देखा जा सकता है। 

हैरानी इस बात की है कि सरकार की तरफ से 50 फीसद यात्रियों के साथ बसों के संचालन संबंधी गाइडलाइन जारी हुए एक सप्ताह से भी ज्यादा बीत चुका है। बावजूद इसके कोई चेकिंग होती नजर नहीं आ रही है। बसों में 50 की सबसे ज्यादा यात्री होने के चलते शारीरिक दूरी की गाइडलाइन भी बेमायने नजर आ रही है। भारी आर्थिक मंदी से जूझ रहे निजी बस ऑपरेटर किसी तरह से खर्च पूरा करने को सुबह और शाम के टाइम पर ज्यादा से ज्यादा सवारी बिठाने की कोशिश कर रहे हैं।

बस स्टेशन से सभी बसे 50 फीसद यात्री लेकर ही जा रहींः जीएम रोडवेज

पंजाब रोडवेज जालंधर-1 के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने कहा कि पंजाब रोडवेज की बसों में तो कुल सीटों के 50 फीसद से ज्यादा यात्री सवार नहीं करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में ड्यूटी पर जा रहे स्टाफ को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि यात्रियों की संख्या किसी भी हाल में 50 फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड से तो किसी निजी बस में 50 फीसद से ज्यादा यात्री सवार नहीं होने दिए जाते हैं। अगर रास्ते में निजी बसों में ऐसा हो रहा है तो परिवहन विभाग ही कार्रवाई कर सकता है।

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