बैरिकेड्स उखाड़ मनप्रीत बादल के घर पहुंचे किसान, पंजाब में नरमा की फसल बर्बाद होने का मामला
मंगलवार से संघर्षरत पांच जिलों के किसान वीरवार दोपहर को गांव बादल में बैरिकेड उखाड़कर वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के घर के द्वार में पहुंच गए। उन्होंने नरमा की फसल के नुकसान के एवज में जल्द मुआवजा देने की मांग की।
जासं, लंबी (श्री मुक्तसर साहिब)। गुलाबी सुंडी और बरसात के कारण बर्बाद हुई नरमा की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसान मुखर हो गए हैं। मंगलवार से संघर्षरत पांच जिलों के किसान वीरवार दोपहर को गांव बादल में बैरिकेड उखाड़कर वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के घर के द्वार में पहुंच गए। पिछले मंगलवार से वे वित्तमंत्री के घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर सड़क पर बैठे थे। वीरवार को ने उनके घर के नजदीक लगे हुए बैरिकेड उखाड़कर आगे बढ़ गए। वे वित्तमंत्री के घर के मुख्य द्वार के आगे पहुंचकर धरने पर बैठ गए हैं। मौके पर बड़ी गिनती में पुलिस कर्मियों को फायर ब्रिगेड और दंगा रोधी गाड़ियों के साथ तैनात किया गया है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर कोई बल प्रयोग नहीं किया है।
60 हजार किसान और 30 हजार मजदूर परिवार को मुआवजा देने की मांग
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के तत्वाधान में बठिंडा, मानसा, फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब और फरीदकोट के हजारों की संख्या में किसान बीते मंगलवार से बादल में वित्तमंत्री के आवास के नजदीक डेरा डाले हुए थे। वे नरमा की बर्बाद हुई फसल के लिए किसान को 60 हजार रुपये प्रति एकड़ तथा नरमा की चुगाई करने वालों के लिए प्रति मजदूर परिवार 30 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही नकली कीटनाशक दवाएं तथा बीज बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
दो दिन से सुनवाई न होने पर घेरा घर
भाकियू के प्रदेश सचिव शिंगारा सिंह मान ने कहा कि वे बीते मंगलवार से धरने पर बैठे थे। दो दिन तक किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया। अगर अब भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो न तो मंत्री के परिवार के किसी सदस्य को घर के अंदर घुसने दिया जाएगा और न ही किसी को बाहर निकलने देंगे। यहां पर चिड़िया भी फटकने नहीं देंगे। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का भी घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि गुलाबी सुंडी व बरसातों ने नरमा की फसल को तबाह करके रख दिया है, जिससे किसान भी बर्बाद हो गए हैं।
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपने आपको आम मुख्यमंत्री बता रहे हैं, लेकिन वह आम लोगों का दर्द सुन नहीं रहे। चन्नी अपने दौरे के दौरान मान चुके हैं कि नरमा की फसल तबाह हुई है, फिर भी मुआवजा देने के बजाय मुफ्त दवा का छिड़काव करने की बात कर रहे हैं। अब फसल पर दवा के छिड़काव का क्या फायदा है। शिंगारा मान ने कहा कि फसल की बर्बादी की वजह से अब तक सात-आठ किसान खुदकुशी कर चुके हैं।
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