Punjab Teachers Protest: रूपनगर में हेडवर्क्स पुल की रेलिंग पर चढ़े प्रदर्शन कर रहे शिक्षक, रेगुलर किए जाने की मांग

इरेगुलर टीचर्स की स्टेट कमेटी की कन्वीनर वीरपाल कौर ने कहा कि मोहाली में पिछले 105 दिन से धरना लगाकर कच्चे अध्यापक रेगुलर किए जाने की मांग कर रहे हैं। नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चार्ज संभालते ही मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिलाया था।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:21 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 08:19 PM (IST)
Punjab Teachers Protest: रूपनगर में हेडवर्क्स पुल की रेलिंग पर चढ़े प्रदर्शन कर रहे शिक्षक, रेगुलर किए जाने की मांग
प्रदर्शनकारियों में 5 कैटेगरियों के कच्चे अध्यापक संघर्ष में शामिल हैं।

जासं, रूपनगर। पंजाब के अस्थायी अध्यापक अपनी मांगें मंगवाने के लिए यहां सतलुज दरिया के हेडवर्क्स पुल के ऊपर गेट खोलने के लिए बनी रेलिंग पर चढ़ गए हैं। प्रदर्शनकारियों में 5 श्रेणियों के अस्थायी अध्यापक शामिल हैं। अस्थायी अध्यापकों की स्टेट कमेटी की कन्वीनर वीरपाल कौर ने कहा कि मोहाली में पिछले 105 दिन से धरना लगाकर अस्थायी अध्यापक रेगुलर किए जाने की मांग कर रहे हैं। अब पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बाद उन्होंने अपना रुख जिला रूपनगर की तरफ किया है।

प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों ने कहा कि नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चार्ज संभालने के साथ ही मुलाजिमों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। पंजाब में 13,000 अस्थायी अध्यापक हैं, जो स्थायी किए जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे टीचर्स ने कहा अगर सरकार ने उनकी मांगों की अनदेखी करना जारी रखा तो मजबूरन जान देने का कदम उठाना पड़ेगा।

रूपनगर में प्रदर्शन करते हुए अस्थायी शिक्षकों को मनाने का प्रयास करते हुए पुलिस कर्मी।

अध्यापक यूनियन के नुमाइंदे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पीए को मिलने के लिए मुख्यमंत्री की निजी रिहायश पर गए हुए थे। वापस लौट कर बाकी अध्यापकों को बताया कि उच्चाधिकारियों से बैठक सोमवार को करवाई जाएगी। लेकिन प्रदर्शनकारी लिखित में बैठक की मांग कर रहे हैं।

सभी 13,000 शिक्षकों को स्थायी किया जाए

वीरपाल कौर ने बताया कि राज्य भर में जीजीएस, एआईआर, एसटीआर व शिक्षा प्रोवाइडरों के रूप में मामूली वेतन पर अस्थायी रूप से 13 हजार शिक्षक विभिन्न सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा देने का काम करते आ रहे हैं। इनमें से कुछ को रेगुलर करने की बात तो की जा रही है जबकि शेष के बारे चुप्पी साध ली गई है। यह धोखा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए, सभी 13 हजार शिक्षकों को किए वादे अनुसार रेगुलर किया जाए।

chat bot
आपका साथी