बसपा ने कहा- BSF के अधिकार बढ़ाना अघोषित इमरजेंसी, पंजाब में भाजपा के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे
बसपा पंजाब प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी ने पंजाब असम और पश्चिम बंगाल की सरहदों का 50 किलोमीटर तक का इलाका बीएसएफ के हवाले किए जाने को संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ व अघोषित इमरजेंसी बताया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सीमा से 50 किमी अंदर तक संदिग्धों की तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और सामान जब्त करने के अधिकार की बसपा पंजाब ने तीखी आलोचना की है।बसपा पंजाब प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी ने पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल की सरहदों का 50 किलोमीटर तक का इलाका बीएसएफ के हवाले किए जाने को संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ व अघोषित इमरजेंसी बताया है। केंद्र की इस घोषणा पर सख्त ऐतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अब धक्के के साथ देश के सरहदी प्रदेशों पर कब्जा करने की नीति पर आमादा है। 15 से ज्यादा प्रदेशों की सरहदों का दायरा 50 किलोमीटर तक बढ़ाकर बीएसएफ के हवाले कर उसे सभी शक्तियां देकर अपना एकाधिकार को जमाने की कोशिश की गई है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे बीएसएफ का दायरा 200 से 500 किलोमीटर तक बढ़ाकर प्रदेश पर अपना कब्जा कर लेगी। यह संवैधानिक ढांचे पर सीधे तौर पर हमला है। गढ़ी ने कहा कि भाजपा हिटलरशाही नीतियों पर चल रही है और केंद्रीकरण करके प्रदेशों के अधिकार खत्म कर रही है। इसकी ताजा मिसाल पंजाब है, जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री को डीजीपी, एडवोकेट जनरल और चीफ सेक्रेटरी तक लगाने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेशों के अधिकार खत्म करने की नीति के तहत ही ये लोग तीन खेती कानून लेकर आए और ताजा मामला दायरा बढ़ाने का सामने है। भाजपा सारा देश फौज के हवाले करके हिटलरशाही लाना चाहती है।
जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी किसी भी कीमत पर लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचाने के भाजपा के मंसूबों को सफल नहीं होने देगी। इसके खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ी जाएगी।
बता दें कि दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने बीएसएफ के अधिकारों में बढ़ोतरी की है जिसका कांग्रेस ने भी कड़ा विरोध किया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और पूर्व कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने केंद्र के फैसले का विरोध किया है।
यह भी पढ़ें - दशहरा पर यहां रावण जलाया नहीं, पूजा जाता है.... जानें लुधियाना के पायल कस्बे की ये खास परंपरा