तीन दिन पुराने स्कूल, 3 दिन नए... पंजाब में बार्डर के अध्यापकों के लिए तबादले बने गले की फांस
पंजाब के बार्डर एरिया के जिन अध्यापकों ने अपना ट्रांसफर करवाया है उन्हें अब दोहरी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। विभाग उन्हें रिलीव नहीं कर रहा है। वे सप्ताह में 3 दिन नए स्कूल और तीन दिन पुराने स्कूल में सेवाएं देने को मजबूर हैं।
अंकित शर्मा, जालंधर। पंजाब के बार्डर क्षेत्रों के स्कूलों में तैनात अध्यापकों के लिए तबादला करना ऐसी अनचाही मुसीबत बन गया है कि उन्हें अब नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। जिन अध्यापकों ने अपना ट्रांसफर करवाया है, उन्हें अब दोहरी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। इसका कारण है कि उन्हें उनके पुराने स्टेशन से रिलीव नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों को रोजाना 60 से 70 किलोमीटर दूरी तय करके बार्डर के स्कूलों में भी सेवाएं देने जाना पड़ रहा है। वे सप्ताह में तीन दिन नए स्कूल और इतने ही दिन पुराने स्कूल जाने को मजबूर हो गए हैं।
विभाग ने कहा- नए शिक्षक की नियुक्ति तक रिलीव नहीं होंगे
इन अध्यापकों ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को अपनी परेशानी बताई कि उनकी बदली होने के बावजूद स्कूल मुखियों की तरफ से रिलीव नहीं किया जा रहा है। जिसे लेकर विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि उनको तब तक रिलीव करने से रोका गया है जब तक कि उनके स्थान पर कोई दूसरा अध्यापक स्कूल में नहीं आ जाता। विभाग के इस फरमान का खामियाजा के रूप में इन अध्यापकों पर दोहरी मार पड़ी है।किसान धरना के कारण शिक्षकों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी, क्योंकि रूट डायवर्शन की वजह से उन्हें उनके संबंधित एरिया के स्कूल तक बस ही नहीं मिल पा रहा थी।
बता दें कि विभाग की तरफ से 3704, 3582 और 6060 कैडर वाले अध्यापकों को बदली का मौका दिया गया था। अध्यापकों के लिए नुकसान यह था कि ये अध्यापक बार्डर एरिया के स्कूलों में तैनात हैं। कई अध्यापकों की बदलियां हो चुकी हैं। उनकी जगह 2392 नवनियुक्त अध्यापकों को तैनात किया जाना है। फिलहाल, उन्हें बदली होने के बावजूद रिलीव नहीं किया जा रहा। जब तक नया अध्यापक ज्वाइन नहीं करता, उनकी मुश्किलें कम होने वाली नहीं हैं।
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