बेअदबी कांडः विवादित पोस्टर मामले में डेरा प्रेमी की लिखावट के सैंपल की रिपोर्ट अदालत में पेश
पंजाब में ईश निंदा वाले पोस्टर लिखने के आरोपित सुखजिंदर सिंह उर्फ सनी की लिखाई के नमूनों की फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट अदालत को सौंपी। एसआईटी ने इसी साल जून में सनी की लिखावट के नमूने एकत्र किए थे जिसमें केंद्रीय एजेंसी ने सनी को क्लीनचिट दी थी।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट। बेअदबी के मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को ईश निंदा वाले पोस्टर लिखने के आरोपित सुखजिंदर सिंह उर्फ सनी की लिखाई के नमूनों की फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट अदालत को सौंपी। सीबीआइ की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की उस रिपोर्ट को नकारने के लिए एसआईटी ने इसी साल जून में सनी की लिखावट के नमूने एकत्र किए थे, जिसमें केंद्रीय एजेंसी ने सनी को क्लीनचिट दी थी।
सितंबर, 2015 में बुर्ज जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों के गुरुद्वारों में ईशनिंदा वाले पोस्टर चिपकाने के संबंध में सीएफएसएल ने 28 अगस्त, 2018 की अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि लिखाई को किसी भी सेट से नहीं जोड़ा जा सकता है। लेखकों ने मामले में सनी और 11 अन्य आरोपियों को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, यह दावा करते हुए कि पोस्टर के लेखक के साथ आरोपित की लिखावट की तुलना सीबीआई ने ठीक से नहीं की। एसआईटी ने यहां अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें आरोपित सुखजिंदर सिंह की लिखावट एकत्र करने की मांग की गई थी ताकि इसकी तुलना पोस्टरों के लेखक से की जा सके।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस साल जनवरी में बेअदबी के मामलों की जांच एसआईटी को सौंपे जाने से पहले इसकी जांच सीबीआइ कर रही थी। अपने हस्तलेखों की फिर से जांच का विरोध करने के लिए सनी ने पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। एसआईटी ने दावा किया कि इससे पहले सीबीआई ने 2 जून, 2015 को सनी के लिखाई के नमूने लिए थे। बता दें कि बेअदबी की घटनाओं के संबंध में 3 प्राथमिकी दर्ज हैं।
सनी के वकील विनोद मोंगा ने कहा कि उन्हें डर है कि एसआईटी सीएफएसएल रिपोर्ट को खारिज करने के लिए एफएसएल से अनुकूल रिपोर्ट हासिल कर लेगी।