PSEB ने बोर्ड परीक्षाओं की मूल्यांकन नीति की जारी, विद्यार्थियों को शिक्षक समझाएंगे परीक्षा पैटर्न

PSEB ने शिक्षकों और विद्यार्थियों की मदद के लिए मूल्यांकन नीति के साथ-साथ परीक्षा पैटर्न और अंकों की गणना करें करने का तरीका भी जारी किया है। इसे लेकर शिक्षक विद्यार्थियों को पहले ही गाइड करेंगे कि वह प्रश्नपत्र को कैसे अटेंड करें और निर्धारित समय का भी ध्यान रखें।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:58 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:00 PM (IST)
PSEB ने बोर्ड परीक्षाओं की मूल्यांकन नीति की जारी, विद्यार्थियों को शिक्षक समझाएंगे परीक्षा पैटर्न
पीएसईबी ने पांचवी आठवीं, दसवीं और 12वीं की परीक्षाओं के मूल्यांकन की नीति जारी कर दी है।

अंकित शर्मा, जालंधर। कोरोना के कारण दो साल से फाइनल परीक्षा देने से वंचित पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड (पीएसईबी) के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। पीएसईबी ने पांचवी आठवीं, दसवीं और 12वीं की परीक्षाओं के मूल्यांकन की नीति जारी कर दी है। इस नीति के जरिये ही अब शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी की प्रगति का मूल्यांकन करेंगे। यही नहीं, शिक्षक आगामी फाइनल बोर्ड परीक्षाओं के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार करेंगे ताकि उन्हें परीक्षा देते समय किसी प्रकार की परेशानी ना आए। बोर्ड ने शिक्षकों और विद्यार्थियों की मदद के लिए मूल्यांकन नीति के साथ-साथ परीक्षा पैटर्न और अंकों की गणना करने का तरीका भी जारी किया है। इसे लेकर शिक्षक विद्यार्थियों को पहले ही गाइड करेंगे कि वह प्रश्नपत्र को कैसे अटेंड करें और अपने निर्धारित समय का भी ध्यान रखें। 

बोर्ड ने राज्य भर के सभी स्कूल प्रमुखों, सेंटर हेड, हेड टीचर और स्कूल प्रिंसिपलों को इस मूल्यांकन नीति के अनुसार ही विद्यार्थियों की प्रगति जांचने के आदेश दिए हैं। सरकारी माडल सहशिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल, लाडोवाली रोड, की प्रिंसिपल मनिंदर कौर का कहना है कि मूल्यांकन के लिए जारी की गई नीति विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड की तरफ से कोविड-19 के कारण परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया है। ऐसे में मूल्यांकन नीति और परीक्षा पैटर्न के हिसाब से तैयारी करने और कराने में मदद मिलेगी।

कोरोना के कारण दो वर्ष से नहीं हुईं बोर्ड परीक्षाएं

कोरोना के कारण इससे पहले 2 सालों तक परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। केवल विद्यार्थियों की पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर ही नतीजे जारी कर दिए गए थे। अभी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के आने की भी आशंका जाहिर की जा रही है। इस वजह से यह मूल्यांकन नीति और भी फायदेमंद साबित हो सकती है।

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