Agriculture Bill 2020 Protest: पंजाब में रेल ट्रेकों पर जमे हैं किसान, अमृतसर में अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

Agriculture Bill 2020 Protest पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। शनिवार को भी किसान कई जगह रेलवे ट्रेकों पर जमे हैं। किसानों का कहना है कि विधेयक वापस लेने तक उनका विरोध जारी रहेगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 01:41 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 08:16 PM (IST)
Agriculture Bill 2020 Protest: पंजाब में रेल ट्रेकों पर जमे हैं किसान, अमृतसर में अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन
अमृतसर के गांव देवीदासपुरा में रेलवे ट्रेक पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते किसान। जागरण

जेएनएन, जालंधर। कृषि विधेयकों के विरोध में शुक्रवार को पंजाब बंद का राज्य में व्यापक असर दिखा। 31 किसान संगठनों ने सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक लगभग सभी नेशनल हाईवे जाम कर दिए। इससे आवाजाही पूरी तरह बंद रही। प्रदेश भर में 125 जगह धरने-प्रदर्शन हुए। राज्य में किसान आज भी रेलवे ट्रेकों पर धरने पर बैठे हैं। 

अमृतसर केे गांव देवीदासपुरा में किसानों ने रेलवे ट्रेेक पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। राज्य में किसानों ने रेलवे ट्रेेकों पर पक्के टेंट लगाए हुए हैं। किसानों ने रेलवे ट्रेक पर लंगर की व्यवस्था भी की है।

देवीदासपुर में रेलवे ट्रेक पर बैठे किसान। जागरण

भाकियू एकता (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह का कहना है कि तीनों कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा। सरकार जोर लगाकर देख ले। भाकियू (राजेवाल) के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बंद से किसानों ने साफ संदेश दे दिया है कि उन्हें ये विधेयक मंजूर नहीं है।

धरने के दौरान चाय बनाते किसान। जागरण

आगे क्या... एक अक्टूबर से फिर रोकेंगे रेल अमृतसर के देवीदासपुरा में अमृतसर-दिल्ली रेल ट्रैक पर धरना दे रहे किसानों ने कहा कि धरना 29 सितंबर तक जारी रहेगा। एक अक्टूबर से फिर रेल रोकेंगे। भाकियू ने भी एक अक्टूबर से रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी। एक अक्टूबर को शिअद चंडीगढ़ में मोर्चा लगाएगा। आप ग्राम सभा बुलाओ, गांव बचाओ मुहिम शुरू करेगी।

देर रात आंधी से टेंट गिरे, ठंडा हुआ किसानों का मोर्चा

उधर, बरनाला में शुक्रवार देर रात करीब 3 बजे बारिश के बाद तेज हवा आंधी में बदल गई। शहर में आई आंधी से रेलवे स्टेशन बरनाला पर किसानों द्वारा तीन दिनोंं से जारी पक्का मोर्चा को लेकर लगाए टेंट, पंखे गिर गए। जिसके बाद देखते ही देखते रेलवे ट्रैक पर लगाए टेंट बिछ गए व किए गए प्रबंध पानी में बह गए। आंधी से गिरे टेंट से जान माल का नुकसान होने से बच गया, परंतु जमीन पर बिछाए गद्दे व दरी भीग गई।

बरनाला में बारिश व तूफान से गिरे टेंट के ठीक करते किसान। जागरण

किसानों द्वारा देर रात रेलवे स्टेशन के प्रतिक्षालय में आराम किया व कुछ किसान प्लेटफार्म पर शैड के नीचे आ बैठे। शनिवार को सुबह ही किसानों नेे फिर पक्का मोर्चा लगाया। किसान गुरजीत सिंह, अमरजीत सिंह, सुरजीत सिंह ने कहा कि चाहे आंधी हो, चाहे तूूफान किसानों का संघर्ष कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंंने कहा कि संघर्ष बिल रद होने तक जारी रहेगा।

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