अमृतसर में वेरका उत्पाद की मंजूरी से लगवाए जा रहे खोखे पर उठे सवाल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन्हें हटाने का प्रस्ताव

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में खोखे और रेहड़ियों को हटाने का प्रस्ताव है। इनको यहां से हटाकर स्ट्रीट वेंडिंग प्रोजेक्ट के तहत रेहड़ी मार्केट में शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा वेरका उत्पाद की मंजूरी से लगवाए जा रहे खोखे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 08:40 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:40 AM (IST)
अमृतसर में वेरका उत्पाद की मंजूरी से लगवाए जा रहे खोखे पर उठे सवाल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन्हें हटाने का प्रस्ताव
अमृतसर में वेरका उत्पाद की मंजूरी से लगवाए जा रहे खोखे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

अमृतसर [विपिन कुमार राणा]। फुटपाथों पर लगवा दो खोखे : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शहर के खोखे और रेहड़ियों को हटाने का प्रस्ताव है। इनको यहां से हटाकर स्ट्रीट वेंडिंग प्रोजेक्ट के तहत रेहड़ी मार्केट में शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। इसी बीच नगर सुधार ट्रस्ट की ओर से वेरका उत्पाद की मंजूरी से शहर में धड़ाधड़ लगवाए जा रहे खोखे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चेयरमैन ये वेरका खोखे पंजाब सरकार की मंजूरी से लगवाने की बात कह रहे हैं, पर शायद उन्हें यह पता नहीं है कि फुटपाथ लोगों के चलने के लिए बने हैं, न कि कामर्शियल गतिविधियों के लिए। महानगर के रणजीत एवेन्यू, बसंत एवेन्यू, नेहरू शापिंग कांप्लेक्स में लगे यह खोखे चेयरमैन विरोधियों को भा नहीं रहे। यही वजह है कि फुटपाथ पर खोखे लग सकते हैं या नहीं, इसके मापदंड को लेकर विरोधी खासे सरगर्म हुए हैं, ताकि नियमों के जरिए फुटपाथ पर लगने वाले खोखों पर अंकुश लगाया जा सके।

कैप्टन का डर ही काफी

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में चल रहे सियासी द्वंद पर राजनीतिक गलियारों में खूब चटकारे लिए जा रहे हैं। सिद्धू की बार-बार की धमकी और उस पर कैप्टन द्वारा मारे गए छक्के के बाद तो माहौल और गरम हो गया है। इसी कड़ी में सिद्धू की ओर से कुछ विधायकों के साथ पंचकूला में की गई बैठक ने तो चटकारों का मजा दोगुणा कर दिया है। सिद्धू विरोधी खेमों में तो आजकल यही चर्चा है कि इसे कैप्टन का डर ही कहेंगे कि कैप्टन विरोधियों को अपनी कर्मभूमि पंजाब छोड़कर हरियाणा में बैठक करनी पड़ रही है ताकि कैप्टन को झुकाया जा सके। अब जब वह पंजाब में बैठकर कैप्टन को सियासी हाशिये पर भेजने का दम जुटा नहीं पा रहे हैं तो ऐसे में आने वाले चुनाव में उनसे क्या उम्मीद की जाए कि वह खुलकर कैप्टन के सामने खड़े हो जाएंगे।

अपनी हार पर कांग्रेसी 'खुश'

पिछले दिनों पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आए। पांचों राज्यों में हार के बाद भी शहर के कांग्रेसी खासे खुश थे। उनकी इस खुशी का अहम कारण यह था कि इतने दावे करने के बावजूद भाजपा बंगाल में चुनाव हार गई। उन्हें इस बात की चिंता नहीं थी कि पांचों राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। इस बारे में जब कांग्रेस के कुछ वरिष्ठजनों के बीच चर्चा हुई तो एक नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेसियों की सोच तो बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाली है। जीत ममता बनर्जी की हुई और वहां कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, पर कांग्रेसी खुश हैं कि वहां भाजपा हार गई है। उनमें से ही एक ने तो यहां तक कह दिया कि कल को पंजाब में अगर ऐसे परिणाम रहे कि जीता कोई और तो कहीं कांग्रेसी भंगड़े न डालने लग जाएं।

लिफ्टिंग को लेकर फंसा पेंच

शहर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत कूड़े की लिफ्टिंग का काम अबर्दा कंपनी को मिला हुआ है। वाल्ड सिटी के 12 वार्डों को छोड़कर शेष वार्डों से कूड़े की लिफ्टिंग की जिम्मेदारी उनकी है। पिछले दिनों शहर के 14 वार्डों में कूड़े की लिफ्टिंग को लेकर अवरोध पैदा हो गया। अबर्दा कंपनी और उनकी ओर से आगे सबलेट की गई तक्षिल कंपनी में भुगतान को लेकर मामला फंस गया था। इस वजह से तकक्षिल ने काम बंद कर दिया और कंपनी को अपने दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर से कूड़े की लिफ्टिंग करवानी पड़ी। निगम गलियारे में चर्चा बनी हुई है कि जब निगम का करार अबर्दा कंपनी के साथ है तो फिर उसे तक्षिल को आगे सबलेट करने का अधिकार किसने दिया। इसको लेकर अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए हैं। अब उन्होंने अबर्दा को लिफ्टिंग प्रभावित होने की एवज में फाइन डालने की तैयारी शुरू कर दी है।

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