जालंधर के PAP में मनाया 62वां पुलिस शहीदी दिवस, डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा ने शहीदों की दो श्रद्धांजलि

जालंधर में पुलिस शहीदी दिवस के मौके पर पीएपी कांप्लेक्स में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और पुलिस मुलाजिमों की ओर से उन्हें सलामी दी गई।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:52 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 09:52 AM (IST)
जालंधर के PAP में मनाया 62वां पुलिस शहीदी दिवस, डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा ने शहीदों की दो श्रद्धांजलि
जालंधर के पीएपी में पुलिस शहीदी दिवस कार्यक्रम में पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा सलामी देते हुए।

जागरण संवाददाता, जालंधर। पुलिस शहीदी दिवस के मौके पर वीरवार को पीएपी कांप्लेक्स में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का आगाज सुबह करीब 7:45 बजे देशभक्ति गीतों के साथ किया गया जिसके बाद कार्यक्रम में पहुंचे उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और पुलिस मुलाजिमों ने उन्हें सलामी दी।

इस दौरान डीजीपी इकबालप्रीत सिंह सहोता, पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह, आईजी पीएपी एसके कालिया, एसएसपी ग्रामीण सतिंदर सिंह समेत कई अन्य जिलों के अधिकारी और शहीद जवानों के परिवार भी कार्यक्रम में मौजूद रहे, जिन्होंने शहीदी स्मारक पर फूल चढ़ाकर देश के लिए कुर्बान होने वाले अपने करीबियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस दौरान डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मैं सभी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देता हूं साथ ही शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके कल्याण के लिए जरूरी कदम उठाती रहेगी। साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा कि शहीदों का बलिदान हमें हमेशा ही प्रेरणा देता रहेगा।

क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीदी दिवस

दरअसल 21 अक्टूबर 1959 को भारतीय पुलिस बल की एक टुकड़ी को लद्दाख क्षेत्र में मातृभूमि की रक्षा करने के लिए भेजा गया था। इस दौरान चीनी सैनिकों ने घात लगाकर भारतीय टुकड़ी पर हमला किया था। धोखे से किए गए इस हमले में सीआरपीएफ के 10 जवान शहीद हो गए थे। जिन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आइटीबीपी की एक टुकड़ी को भेजा गया था तब से ही 21 अक्टूबर को सभी केंद्रीय पुलिस बल और पुलिस बल शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं।

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