RTA दफ्तर में चार हजार पक्के और रिन्युअल ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग, लोग काट रहे चक्कर
प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों की वोटर कार्ड बनाने में ड्यूटी लगाई गई है। इससे 7 दिन में मिलने वाले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लोगों को पंद्रह दिन से ज्यादा का इंतजार करना पड़ रहा है।
जालंधर [मनीष शर्मा]। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) की सेक्रेटरी ने स्मार्टचिप कंपनी का स्टाफ इलेक्शन ड्यूटी में लगा रखा है। इससे आवेदन की फाइलें स्कैन नहीं हो पा रहीं। ड्राइविंग ट्रैक पर इनका ढेर लग गया है। नतीजतन आरटीए दफ्तर में पिछले पंद्रह दिन में चार हजार ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग हो गए हैं। आवेदक रोजाना आरटीए के ड्राइविंग ट्रैक का चक्कर काटने को मजबूर हैं।
प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों की अति महत्वपूर्ण वोटर कार्ड बनाने की प्रक्रिया में ड्यूटी लगाने से पहले ही सवाल खड़े हो रहे हैं। अब इसका असर आम लोगों पर भी पडऩे लगा है। सात दिन में मिलने वाले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें अब पंद्रह दिन से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। इस बारे में आरटीए सेक्रेटरी डॉ. नयन जस्सल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने न फोन उठाया और न ही मैसेज का जवाब दिया।
जालंधरः स्कैनिंग के इंतजार में आरटीए के ड्राइविंग ट्रैक पर लगा फाइलों का ढेर।
इस वजह से अटकी फाइलें
आरटीए सेक्रेटरी डॉ. नयन जस्सल जालंधर कैंट की इलेक्ट्रोल रजिस्ट्रेशन अफसर (ईआरओ) भी हैं। हाल ही में वोटर सूची संशोधन प्रोग्राम चला था, जिसमें मतदाताओं की नई वोट बनाने, पुरानी कटवाने या उसमें संशोधन कराने के आवेदन आए। यह काम ईआरओ को करवाना होता है। वैसे तो ईआरओ को इसके लिए अलग-अलग महकमे से कर्मचारी मिलते हैं, लेकिन आरटीए सेक्रेटरी ने यह जिम्मा स्मार्टचिप कंपनी के कर्मचारियों को सौंप दिया। जिन कर्मचारियों का काम ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बनवाना है, वो वोटर सूची दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन आने पर पक्के के लिए ड्राइविंग टेस्ट व रिन्युअल या डुप्लीकेट के लिए दस्तावेजों की जांच के बाद फाइल स्कैन की जाती है। फिर उसे इंडेक्स कर प्रिंट निकाला जाता है। स्कैनिंग वाले कर्मचारी वोटर कार्ड की सूची अपडेट कर रहे हैं। इस कारण काम ठप पड़ा है।
दस्तावेज अपलोड करने पर भी फाइल मांगने पर सवाल
आरटीए दफ्तर का कामकाज पेपरलेस करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के ऑनलाइन आवेदन के वक्त ही अपने दस्तावेज स्कैन कर अपलोड किए जाते हैं। प्रक्रिया तो यह थी कि आरटीए दफ्तर में सिर्फ इन स्कैन दस्तावेजों को ओरिजनल से मिलाया जाएगा और सही होने पर ऑनलाइन ही अप्रूवल कर दी जाएगी। इसी से सीधे प्रिंट निकल जाएगा। इसके बावजूद कागजी कामकाज के आदी अफसरों ने अपने ही कानून बना डाले। स्कैन कर दस्तावेज अपलोड करने के बाद उसी की फाइल भी मंगवाई जा रही है, जिसके जरिए आगे की प्रक्रिया की जाती है। मामला स्थानीय से लेकर चंडीगढ़ स्तर तक पहुंच चुका है, लेकिन लोगों की परेशानी व पेपरलेस कामकाज में इस बड़ी गड़बड़ी को कोई ठीक करने को तैयार नहीं।
एसटीसी बोले, मामला गंभीर, चेक करेंगे
स्मार्टचिप कंपनी के कर्मचारियों को इलेक्शन ड्यूटी में लगाने से आरटीए दफ्तर में ड्राइविंग लाइसेंस का काम ठप होने और आरटीए सेक्रेटरी डॉ. नयन जस्सल के फोन या मैसेज पर उत्तर न देने के मुद्दे को स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अमरपाल सिंह ने गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि वो इस पूरे मामले को चेक करेंगे। अगर कहीं आम लोगों को दिक्कत हो रही है तो इसे तुरंत ठीक किया जाएगा।
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