सात बसों से एक हजार रुपये कमाई!, कर्फ्यू के चलते शाम के रूटों पर निजी बस आपरेटरों को नहीं मिल रही सवारी

पंजाब में कर्फ्यू लागू हो जाने के चलते पहले से ही आर्थिक मंदी झेल रहे निजी बस ऑपरेटर को भारी झटका लगा है। हालात यह हो गए हैं कि संचालित की जाने वाली बस का ही खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 12:31 PM (IST)
सात बसों से एक हजार रुपये कमाई!, कर्फ्यू के चलते शाम के रूटों पर निजी बस आपरेटरों को नहीं मिल रही सवारी
पंजाब में कर्फ्यू लागू होने से निजी बस ऑपरेटर को भारी झटका लगा है।

जालंधर, जेएनएन। कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू लागू हो जाने के चलते पहले से ही आर्थिक मंदी झेल रहे निजी बस ऑपरेटर को भारी झटका लगा है। निजी बस ऑपरेटरों को शाम के समय चलाए जाने वाले रूटों के ऊपर सवारी नहीं मिल पा रही है और हालात यह हो गए हैं कि संचालित की जाने वाली बस का ही खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा है। इससे पहले जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक बसों को 50 फीसद यात्रियों के साथ ही संचालित किए जाने की अनुमति दी गई थी।

एक अप्रैल से पंजाब की सरकारी बसों में महिला यात्रियों को निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान कर दी गई थी। जिस वजह से निजी बस ऑपरेटरों को भारी आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा था। गगनदीप बस सर्विस के संचालक संदीप शर्मा ने कहा कि शाम 6 बजे कर्फ्यू लागू होता है, लेकिन 4 बजे के बाद से ही सवारी मिलनी बंद हो जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी पठानकोट, लुधियाना एवं शाहकोट रूट के ऊपर उनकी सात बसें संचालित की जाती हैं, लेकिन हालात यह हो गए हैं कि यात्री न मिलने के चलते बसों का अपना खर्च ही पूरा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते दिन ही उनकी 7 बसों से लगभग एक हजार की आमदनी ही हो पाई है, जबकि सरकार को रोड टैक्स की अदायगी भी करनी है। मुलाजिमों का वेतन भी देना है।

उन्होंने कहा कि मात्र अड्डा फीस और डीजल में ही सारी कमाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर टोल टैक्स की अदायगी भी हो रही होती तो अब तक निजी बस कंपनियों को ताले लग चुके होते। किसान आंदोलन के चलते प्रदेश भर में टोल टैक्स की वसूली नहीं हो रही है। संदीप शर्मा ने कहा कि अब निजी बस ऑपरेटरों के पास बसें खड़ी कर देने के सिवाय कोई विकल्प बाकी नहीं बचा है।

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