जालंधर में निजी बैंकों पर प्रशासन की पाबंदियों का असर नहीं, शटर बंद कर देर शाम तक स्टाफ से करवाया जा रहा काम
जालंधर में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर सरकार ने राज्य में 15 मई तक सख्त पाबंदियां लगा रखी हैं। बावजूद इसके शहर के कुछ निजी बैंकों का शटर बंद करके स्टाफ से देर शाम तक काम करवाया जा रहा है।
भोगपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर सरकार ने राज्य में 15 मई तक सख्त पाबंदियां लगा रखी हैं। बावजूद इसके कुछ निजी बैंक इन पाबंदियों को नहीं मान रहे। प्रशासन ने 50 फीसद स्टाफ के साथ पांच बजे तक बैंक बंद करने की हिदायतें दी हैं। बावजूद इसके शहर के कुछ निजी बैंकों का शटर बंद करके स्टाफ से देर शाम तक काम करवाया जा रहा है। अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक निजी बैंक के स्टाफ कर्मी ने बताया कि कई बार तो बैंक के अंदर शाम आठ बजे तक काम करना पड़ता है। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी बैंक की चेकिंग करने भी नहीं आता। शाम को लौटते समय पुलिस उनसे रात को घूमने का कारण पूछती है तो वे कुछ बता भी नहीं पाते। कई बार तो चालान होने से भी बचा है।
कैंट व बस्तीयात इलाके बने कोरोना हाटस्पाट
कोरोना का कहर थम नहीं रहा। कैंट व इससे सटे इलाकों में दो सप्ताह से लगातार केस बढ़ रहे हैं। मामले को लेकर छावनी प्रबंधन व सेना भी हरकत में आ गई। उन्होंने कैंट अस्पताल में कोविड वार्ड बनाने व सिविल नागरिकों के सैर करने पर भी पाबंदी लगा दी। कोरोना जालंधर छावनी में बनी कालोनियों में भी पहुंच चुका है। बुधवार को भी छावनी व इससे सटे इलाकों में 22 मरीज सामने आए। इनमें दो कालोनियों के 16 मरीज शामिल हैं। कुछ ही दिनों में 130 मरीज यहां से रिपोर्ट हो चुके हैं। इसके अलावा बस्तीयात इलाके में कोरोना की पकड़ मजबूत होती जा रही है।
बस्ती शेख, बस्ती दानिशमंदा व बस्ती गुजां इलाके में चार दिन में मरीजों का आंकड़ा 180 पार कर गया। मार्च और अप्रैल के शुरुआती दिनों में फिल्लौर में मरीजों का ग्राफ बढ़ा था। इसके बाद वहां के हालात पर काबू पा लिया गया। मई में फिल्लौर फिर से हाट स्पाट बनने लगा है। तीन दिन में ही फिल्लौर से 73 मामले सामने आ चुके हैं। सेहत विभाग के नोडल अफसर डा. टीपी सिंह का कहना है कि इन इलाकों में सेहत विभाग की टीमों ने सरगर्मियां तेज कर दी है। मरीजों के संपर्क में आने वालों का सर्वे कर सैंपल लिए जा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
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