15 दिन में कूड आयल सात फीसद सस्ता, तेल कीमतों में कमी नहीं
देश में तेल की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार की क्रूड आयल (कचे तेल) कीमतों के साथ जोड़कर दैनिक स्तर (डेली प्राइसिग फार्मेट) पर भाव तय करने का दावा करने वाली तेल कंपनियां उपभोक्ताओं को राहत देने से मुंह मोड़ रही हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : देश में तेल की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार की क्रूड आयल (कच्चे तेल) कीमतों के साथ जोड़कर दैनिक स्तर (डेली प्राइसिग फार्मेट) पर भाव तय करने का दावा करने वाली तेल कंपनियां उपभोक्ताओं को राहत देने से मुंह मोड़ रही हैं। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल का भाव बढ़ते ही देश में तेल की कीमतों को तो तत्काल बढ़ा देती हैं, लेकिन क्रूड आयल की कीमतें कम होने का फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते दो सप्ताह में क्रूड आयल की कीमतों में लगभग सात फीसद की गिरावट आ चुकी है, लेकिन उपभोक्ताओं को इसका कोई फायदा नहीं मिल पाया है। तेल कंपनियों की तरफ से इस बात का प्रचार किया जा रहा है कि बीते 15 दिनों से तेल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं किया गया है, लेकिन इस दौरान क्रूड आयल की कीमतों में आई सात फीसद की गिरावट का फायदा भी उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाया है।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन पंजाब (पीपीडीएपी) के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि डेली प्राइसिग फार्मेट का फायदा तो तब है जब क्रूड आयल की कीमतों मैं कटौती होते ही देश में पेट्रोल डीजल के दाम घट जाएं, लेकिन ऐसा तो नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां मनमाना तरीका अपना रही हैं। यही वजह है कि कोरोना काल के दौरान भी जब दुनिया के अधिकांश व्यवसाय घाटे में जा रहे थे। तब भी देश की तेल कंपनियों ने हजारों करोड़ का प्राफिट अर्जित कर लिया है।