40 फीसद तक गिरे प्याज दाम, आने वाले दिनों में और मिलेगी राहत Jalandhar News
नवरात्र के दिनों में प्याज की घरेलू खपत व मांग कम हो जाती है। ऊपर से अफगानिस्तान से प्याज की आमद शुरू हो चुकी है।
जालंधर, जेएनएन। पिछले कुछ दिनों से लोगों को महंगाई के आंसू रुला रहे प्याज के दाम की कमर अफगानिस्तान के प्याज ने तोड़ दी है। चंद दिनों में ही प्याज के दाम में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई गई है। खास बात यह है कि 29 सितंबर से शुरू होने जा रहे नवरात्र तथा करीब एक माह बाद नासिक से प्याज की फसल आने के बाद दामों में निश्चित रूप से और भी गिरावट आनी तय है।
गौरतलब है कि सितंबर के शुरुआत से लेकर मध्य माह तक प्याज के दाम ने अभी तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए रिटेल में 80 रुपये प्रति किलो तक की छलांग लगा दी थी। जिसके चलते पहले से सब्जियों के दामों पर महंगाई की मार झेल रहे लोगों के और आंसू निकाल दिए थे। हालांकि, कारोबारी इसके लिए प्याज उत्पादक राज्य नासिक व मध्यप्रदेश में भारी बारिश व बाढ़ को प्रमुख कारण बताते हैं। साथ ही नई फसल आने तक प्याज के दाम में और भी इजाफे के कयास लगाए जा रहे थे।
इस बीच अमृतसर के एक्पोर्ट व इंपोर्ट लाइसेंस होल्डर कारोबारियों ने अफगानिस्तान से प्याज का ऑर्डर कर दिया। जो वीरवार को मकसूदां स्थित सब्जी मंडी पहुंचा। पहले दिन दो गाड़ियां अफगानिस्तानी प्याज मंडी में पहुंचा है। जबकि, आने वाले दिनों में इसमें इजाफा हो सकता है। जिसका असर दामों पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
नवरात्र में कम होगी खपत, मिलेगी राहत
मकसूदां सब्जी मंडी के प्याज कारोबारी जोगिंदर सिंह बताते हैं कि नवरात्र के दिनों में प्याज की घरेलू खपत व मांग कम हो जाती है। ऊपर से अफगानिस्तान से प्याज की आमद शुरू हो चुकी है। जिसके चलते दो दिन में ही दाम में करीब 30 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट दर्ज की गई है।
सलाद में बेस्ट माना जाता है अफगानिस्तान का प्याज
अफगानिस्तान से आने वाले प्याज में भारतीय प्याज के मुकाबले कड़वापन न के बराबर होता है। यही कारण है कि अफगानिस्तान से आने वाले प्याज की अधिकतर खपत सलाद में होती है। जबकि, भाजी को तड़का लगाने के लिए भारतीय प्याज की मांग सबसे अधिक है। कारण इसमें कड़वापव व कड़कपन अफगानिस्तान के प्याज के मुकाबले कहीं अधिक होता है।