जालंधर में अब प्री प्राइमरी कक्षा के बच्चों का गतिविधियों से होगा मूल्यांकन, हेड आफिस भेजेगा प्रश्न

जालंधर में अब प्री प्राइमरी के विद्यार्थियों का भी रिपोर्ट कार्ड बनाया जाएगा। बच्चों का मूल्यांकन में उनका शारीरिक और क्रियात्मक विकास समाजिक और भावनात्मक विकास बौद्धिक विकास भाषा विकास गणित और अंग्रेजी भाषा के विकास पर आधारित रहेगा।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 09:15 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 09:15 AM (IST)
जालंधर में अब प्री प्राइमरी कक्षा के बच्चों का गतिविधियों से होगा मूल्यांकन, हेड आफिस भेजेगा प्रश्न
जालंधर में अब प्री प्राइमरी के विद्यार्थियों का भी रिपोर्ट कार्ड बनेगा।

जालंधर, जेएनएन। जालंधर में प्राइमरी से सेकेंडरी स्कूलों के विद्यार्थियों की मूल्यांकन परीक्षाओं के बाद अब प्री प्राइमरी के विद्यार्थियों का भी रिपोर्ट कार्ड बनेगा। जो चंद प्रश्नों के जरिए 15 से 18 मार्च तक उनकी परफार्मेंस के आधार पर तैयार किया जाएगा। बच्चों का मूल्यांकन में उनका शारीरिक और क्रियात्मक विकास, समाजिक और भावनात्मक विकास, बौद्धिक विकास, भाषा विकास, गणित और अंग्रेजी भाषा के विकास पर आधारित रहेगा।

इसके लिए अध्यापकों की तरफ से विभिन्न गतिविधियों के जरिए उनके विकास को परखा जाएगा। जिसके लिए हेड आफिस की तरफ से प्रश्न भेजे जाएंगे, अध्यापकों द्वारा उन प्रश्नों को उत्तर के जरिये ही उनका मूल्यांकन करेंगे। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी एलिमेंटरी से सांझा की जाएगी। उसके बाद मूल्यांकन रिकार्ड अध्यापकों की तरफ से 20 मार्च तक निर्धारित फार्मेट के जरिए आनलाइन भर कर भेजना अनिवार्य होगा। बच्चे की बेहतरी संबंधी उसके अभिभावकों के साथ भी सांझा की जाए।

राज्य शिक्षा खोज एंड सिखलाई परिषद पंजाब (एससीईआरटी) पंजाब के डायरेक्टर की तरफ से इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियोंको प्री प्राइमरी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चों का फार्मेट के अनुसार ही मूल्यांकन करने की हिदायतें दी हैं। जिसमें प्री प्राइमरी-1 के बच्चों के लिए पांच स्तर यानी कि शारीरिक और क्रियात्मक विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास, बौद्धिक विकास, भाषा विकास, गणित विकास के जरिए परखा जाएगा।

इसी तरह से प्री प्राइमरी-2 के बच्चों के लिए छह स्तर बनाए गए हैं। यानि कि शारीरिक और क्रियात्मक विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास, बौद्धिक विकास, भाषा विकास, गणित विकास के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान परखा जाना शामिल है। बच्चों को मूल्कांकन गूगल फार्मेट में ही भरा जाएगा। गौर हो कि वर्ष 2017 में पहली बार सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासें शुरू की गई थी। देश में पंजाब ही पहला ऐसा राज्य है, जहां सबसे पहले सरकारी स्कूलों में इन क्लासों की शुरूआत की गई है। इन कक्षाओं में लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं।

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