पावरकाम मैनेजमेंट व स्टाफ ने मांगों को लेकर संघर्ष किया तेज, नतीजा नहीं निकला तो बढ़ सकती है हड़ताल

पावरकाम मैनेजमेंट व पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड के ज्वाइंट फोरम के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। स्टाफ ने 26 नवंबर तक सामूहिक छुट्टी ले रखी है। मैनेजमेंट व सदस्यों की बैठक चंडीगढ़ में चल रही है। बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलता है तो संघर्ष तेज होगा।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:54 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:54 AM (IST)
पावरकाम मैनेजमेंट व स्टाफ ने मांगों को लेकर संघर्ष किया तेज, नतीजा नहीं निकला तो बढ़ सकती है हड़ताल
पावरकाम मैनेजमेंट व स्टाफ का मांगों को लेकर संघर्ष तेज हो रहा है।

जालंधर [कमल किशोर]। पावरकाम मैनेजमेंट व पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के ज्वाइंट फोरम के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। पावरकाम मैनेजमेंट व स्टाफ के बीच मांगों को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला है। स्टाफ ने 26 नवंबर तक सामूहिक छुट्टी ले रखी है। मैनेजमेंट ने मांगों को नजअंदाज किया तो स्टाफ लंबी छुट्टी पर जा सकता है। फिलहाल बैठकों का दौरा जारी है। मैनेजमेंट व सदस्यों की बैठक चंडीगढ़ में चल रही है। बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलता है तो संघर्ष तेज होगा। जालंधर सर्किल के पांच डिवीजन के कैश काउंट बंद रहेंगे। काम काज ठप रहेगा।

कई लोग नए मीटर अप्लाई करने के लिए संबंधित डिवीजन में आ रहे हैं लेकिन स्टाफ न होने की वजह से वापस परत रहे हैं। सदस्यों ने डिवीजन के बाहर धरना प्रदर्शन करने के बाद शक्ति सदन गेट के बाहर रोष रैली निकाली और मैनेजमेंट के खिलाफ गुस्सा निकाला। पावरकाम भी उपभोक्ता को बिल जमा करवाने संबंधित कोई राहत नहीं दे रहा है। बिल समय पर जमा करवाने के लिए कह रहा है। स्टाफ न होने की वजह से बिल जमा नहीं हो रहे हैं। उपभोक्ता को बिल पर पड़ने वाले दो प्रतिशत जुर्माने का डर सता रहा है। अब उपभोक्ता को आनलाइन बिल जमा करवाना होगा।

क्या है मांगे

-पे बैंड स्केल लागू किया जाए

-पे-स्केल का बनता एरियर जारी किया जाए

-डीए की किश्तों का बकाया एरियर

-नए स्केल के मुताबिक डीए की किश्त जारी

सब-स्टेशन पर एक्सईयन दे रहे हैं ड्यूटी

टेक्निकल स्टाफ सामूहिक छुट्टी लेकर हड़ताल पर है। सब स्टेशन पर एक्सईयन ड्यूटी दे रहे हैं। बिजली सप्लाई सुचारू रखने के लिए एक्सईयन सब स्टेशन पर ड्यूटी पर डटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ कैफे वालों की चांदी बनी हुई है। गांव के उपभोक्ता को आनलाइन बिल जमा करवाने के लिए कम आता है। वह कैफे का सहारा ले रहे हैं। कैफे संचालक आनलाइन प्रति बिल का बीस से तीस रुपए चार्ज कर रहे हैं।

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