Post Matric Scholarship: चेयरमैन सेखड़ी बोले- कन्फेडरेशन से संबंधित कोई भी कॉलेज नहीं रोकेगा एससी स्टूडेंट्स के रोल नंबर
कन्फेडरेशन ऑफ कॉलेज एंड स्कूल्स आफ पंजाब के चेयरमैन व कांग्रेस से बटाला के पूर्व विधायक अश्वनी सेखड़ी अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए हैं। सेखड़ी ने कहा कि कन्फेडरेशन से संबंधित कोई भी कॉलेज विद्यार्थियों के रोल नंबर नहीं रोकेगा।
जालंधर, जेएनएन। एससी विद्यार्थियों के स्कालरशिप के मुद्दे को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ कॉलेज एंड स्कूल्स आफ पंजाब के चेयरमैन व कांग्रेस से बटाला के पूर्व विधायक अश्वनी सेखड़ी अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए हैं। गत दिनों ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने फैसला लिया था कि छात्रों को बिना फीस के रोल नंबर नहीं दिया जाएगा। इस पर सेखड़ी ने कहा कि कन्फेडरेशन से संबंधित कोई भी कॉलेज विद्यार्थियों के रोल नंबर नहीं रोकेगा। सभी कॉलेज छात्रों के साथ हैं। सरकार द्वारा पैसों का भुगतान न करना उसकी नाकामी है। एससी वर्ग के छात्रों का रोल नंबर रोकना, सरकार की गलती की सजा छात्रों को देने वाली बात है।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कैबिनेट कमेटी की मीटिंग 10 जून को 12 बजे बुलाई गई है। इसमें कन्फेडरेशन ऑफ कालेज एंड स्कूल के पदाधिकारियों को भी पंजाब सरकार ने बुलाया गया है। उन्होंने इस मीटिंग में स्कालरशिप मुद्दे का समाधान होने की उम्मीद जताई है।
सेखड़ी ने वर्ष 2017 कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टों में यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन स्थापित करने के वायदे को भी याद दिलाया। साढ़े चार साल बीतने के बाद भी वह कमीशन क्यों नहीं बनाई गई जबकि पड़ोसी राज्यों में रेगुलेटरी कमीशन बनी हुई है। पंजाब में क्यों इसे इतना हलके में लिया गया।
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब के सभी कॉलेजों को सरकारी यूनिवर्सिटियों और डिपार्टमेंट द्वारा चेक और मॉनिटर किया जाता है। ये कॉलेज करोड़ों रुपये की अदायगी हर साल सरकारी यूनिवर्सिटियों को फीस के तौर पर करते हैं। प्राइवेट यूनिवर्सिटी ना तो कोई सरकार को फीस देती हैं और न ही उन पर कोई कंट्रोल या चेकिंग है। यह यूनिवर्सिटी मनमानी से फीस लेती हैं और अपनी मनमानी से सीटें बढ़ा देती हैं। बिना फैकेल्टी के कोर्स शुरू कर देती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन प्राइवेट यूनिवर्सिटी के पीछे उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त बाजवा हैं।
अश्वनी सेखड़ी कहा कि उन्हें लगता है कि जरूरतमंद एससी बच्चों को कॉलेज शिक्षा न मिले, इसलिए सरकार ने आज तक वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 की 1549 करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक एससी स्कालरशिप राशि नहीं दी है। उन्होंने मांग की कि स्कॉलरशिप की राशि तुरंत दी जाए ताकि पंजाब में शिक्षा का स्तर, छात्रों और कॉलेजों के भविष्य अंधकार से जाने से बचाया जा सके।